CISF: महिला सशक्तिकरण और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने अपनी पहली ‘ऑल-वुमेन कमांडो यूनिट’ तैयार की है. इस यूनिट की शुरुआत ने न केवल महिला सशक्तिकरण को नई दिशा दी है, बल्कि यह भी साबित किया है कि महिलाएं अब सुरक्षा की फ्रंटलाइन पर पूरी क्षमता से अपनी भूमिका निभाने को तैयार हैं.
सीआईएसएफ की इस पहली महिला कमांडो यूनिट की 30 महिला कर्मियों का बैच इस समय मध्य प्रदेश के आरटीसी बरवहा में 8 सप्ताह के कठिन और उच्चस्तरीय कमांडो प्रशिक्षण से गुजर रहा है. इस प्रशिक्षण में क्विक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) की ड्यूटी, लाइव-फायर अभ्यास, लंबी दूरी की दौड़, रैपलिंग, स्लिदरिंग, जंगल में जीवित रहने की रणनीतियां और 48 घंटे का आत्मविश्वास बढ़ाने वाला अभ्यास शामिल है. इस पहल के पहले चरण में 100 महिला कमांडो को प्रशिक्षित किया जाएगा. इसके बाद वर्ष 2026 में इसका विस्तार करते हुए 2,400 अतिरिक्त महिला कर्मियों को सीआईएसएफ में शामिल किया जाएगा.
सीआईएसएफ ने किया अपनी पहली महिला कमांडो यूनिट का गठन
यह कदम गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा निर्धारित बल में 10 फीसदी महिला भागीदारी लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में उठाया गया है. सीआईएसएफ ने सोमवार को एक्स पोस्ट में जानकारी देते हुए लिखा, “सीआईएसएफ की पहली महिला कमांडो यूनिट अग्रिम मोर्चे के लिए प्रशिक्षण ले रही है. महिला सशक्तिकरण और परिचालन उत्कृष्टता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, सीआईएसएफ ने अपनी पहली महिला कमांडो यूनिट का गठन किया है, जो महिलाओं को राष्ट्रीय सुरक्षा की अग्रिम पंक्ति में ला रही है.
कठोर कमांडो प्रशिक्षण से गुजर रहा महिला कर्मियों का पहला बैच
30 महिला कर्मियों का पहला बैच मध्य प्रदेश के आरटीसी बरवाहा में 8 सप्ताह के कठोर कमांडो प्रशिक्षण से गुजर रहा है. पाठ्यक्रम में त्वरित प्रतिक्रिया दल की ड्यूटी, लाइव-फायर अभ्यास, धीरज दौड़, रैपलिंग, स्लिथरिंग, जंगल में जीवित रहने की रणनीति और 48 घंटे का आत्मविश्वास बढ़ाने वाला अभ्यास शामिल है.” पोस्ट में आगे लिखा गया कि “पहले चरण के तहत, 100 महिला कमांडो को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिसके बाद 2026 में इसका विस्तार किया जाएगा, जब 2,400 और महिला कर्मी बल में शामिल होंगी – जो गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा निर्धारित 10 फीसदी महिला शक्ति लक्ष्य के अनुरूप है. यह ऐतिहासिक पहल नारी शक्ति, लैंगिक समानता और अग्रिम पंक्ति की तैयारी के लिए एक बड़ी छलांग है, जो साहस, क्षमता और समावेशिता के साथ राष्ट्र की रक्षा करने के लिए सीआईएसएफ की प्रतिबद्धता को मजबूत करती है.”