UP: सुप्रीम कोर्ट में शिक्षकों के लिए टीईटी परीक्षा अनिवार्य करने का आदेश दिया है इसके बाद लाखों शिक्षक असमंजस में हैं दरअसल कोर्ट ने कहा है कि शिक्षक बने रहने के लिए और साथ ही प्रमोशन के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करना अनिवार्य है ऐसे में जिन शिक्षकों की नियुक्ति बिना टीईटी के हुई है उनका भविष्य अधर में लटक गया है अब इन सभी शिक्षकों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने राहत देने के लिए विकल्प तलाशना शुरू कर दिया है सरकार के इस कदम से शिक्षकों को राहत मिलने की उम्मीद जग गई है.
न्यायालय के आदेश का रिवीजन दाखिल करने के निर्देश
मुख्यमंत्री कार्यालय के आधिकारिक सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा गया- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग के सेवारत शिक्षकों के लिए TET की अनिवार्यता पर उच्चतम न्यायालय के आदेश का रिवीजन दाखिल करने का विभाग को निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदेश के शिक्षक अनुभवी हैं और समय-समय पर सरकार द्वारा उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया जाता रहा है. ऐसे में उनकी योग्यता और सेवा के वर्षों को नजरअंदाज करना उचित नहीं है.
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब टीईटी की अनिवार्यता को लेकर शिक्षकों का प्रदेशव्यापी विरोध जारी था. शिक्षक, सभी जिलों में जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन देने वाले थे.शिक्षकों की मांग थी कि टीईटी की अनिवार्यता खत्म की जाए.
बता दें सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यूपी में लगभग दो लाख शिक्षकों की नौकरी खतरे में है. आदेश के मुताबिक जिनकी नौकरी पांच साल बची उनके लिए टीईटी परीक्षा पास करना अनिवार्य है.
शिक्षा विभाग ने बनाया यह प्रस्ताव
शिक्षा विभाग गणेश मुद्दे पर प्रस्ताव तैयार किया है और जल्द ही शासन स्तर पर बैठक होने जा रही है बताने विभागीय अधिकारियों का यह मानना है कि सुप्रीम कोर्ट में पहले प्रिया जी का दाखिल की जाएगी और इसके साथ-साथ कई दूसरे विकल्पों पर विचार होगा ताकि इन शिक्षकों को राहत पहुंचे और उन्हें अपनी सेवा पूरी करने का मौका दिया जा सके.
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