UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सरकार ने गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है. प्रदेश की सभी गोशालाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करने के उद्देश्य से सरकार ने यह भी तय किया है कि प्रत्येक जनपद में एक आदर्श गोशाला स्थापित की जाएगी, जिसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके तहत ‘काऊ टूरिज्म’ की संभावनाओं को भी तलाशा जाएगा, जिससे गोशालाएं न केवल आत्मनिर्भर बन सकें बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार और आय का साधन उपलब्ध हो सके.
आत्मनिर्भरता और स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार पर जोर
सरकार का उद्देश्य गोआश्रय स्थलों के माध्यम से गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के साथ ही गो-जनित पदार्थों के माध्यम से गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाना और स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है. इस संबध में सोमवार को हुई एक बैठक में प्रमुख सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास मुकेश मेश्राम, विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, प्रबंध निदेशक पीसीडीएफ वैभव श्रीवास्तव, दुग्ध आयुक्त राकेश कुमार मिश्र, निदेशक प्रशासन एवं विकास डॉ. योगेन्द्र पवार समेत अन्य अफसर मौजूद रहे.
गाय के गोबर से बने दीपों, मूर्तियों का हो उपयोग
पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने दीपावली के मद्देनजर गाय के गोबर से बने दीपों, मूर्तियों आदि के उपयोग के लिए जनमानस में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए. साथ ही इन उत्पादों की बिक्री के लिए बाजारों में उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. गो-जन्य पदार्थों के उपयोग के लिए स्थानीय स्तर पर महिला स्वयं सहायता समूह को प्रोत्साहित किया जाए एवं उनका सहयोग लिया जाए.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी यह पहल
प्रमुख सचिव पशुधन एवं दुग्ध विकास मुकेश मेश्राम के अनुसार अधिकारियों को निर्देशित किया कि गोशालाओं में गोबर और गोमूत्र के व्यवसायिक उपयोग के लिए स्थानीय स्तर पर योजनाएं तैयार की जाएं. उनके अनुसार, गोशालाओं की आत्मनिर्भरता के साथ-साथ यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी.
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