Health tips: कैल्शियम शरीर में सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला खनिज है, जो हमारी हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए बेहद ज़रूरी है. अगर कैल्शियम का स्तर सामान्य से कम हो जाए तो इसे हाइपोकैल्सीमिया कहा जाता है. लेकिन अगर शरीर में इसकी कमी हो जाती है तो उम्र बढ़ने के साथ-साथ हड्डियां कमजोर और पतली हो जाती है और उनसे जुड़ी कई बीमारियां हो सकती हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कैल्शियम की कमी से कौन इस बीमारियां हो सकती हैं और किन चीजों को खाने से इसकी कमी पूरी होगी.
क्यों जरुरी है कैल्शियम
- हड्डियों और दांतों का निर्माण (Formation of Bones and Teeth): कैल्शियम हड्डियों और दांतों की मजबूती और विकास में मुख्य भूमिका निभाता है। यह बच्चों और किशोरों के विकास के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि इस दौरान हड्डियों का निर्माण तेजी से होता है।
- हड्डियों के घनत्व को बनाए रखना (Maintaining Bone Density): उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों का घनत्व (bone density) कम होने लगता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कैल्शियम हड्डियों को कमजोर होने से बचाता है।
- मांसपेशियों के संकुचन (Muscle Contraction): शरीर की मांसपेशियों के ठीक से काम करने के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है। यह मांसपेशियों के संकुचन (muscle contractions) और ढीलापन को नियंत्रित करता है।
- तंत्रिका तंत्र के कार्य (Functions of the Nervous System): कैल्शियम तंत्रिका तंत्र (nervous system) के कार्य को नियंत्रित करता है। यह तंत्रिका कोशिकाओं (nerve cells) के बीच सिग्नल भेजने में मदद करता है, जिससे मस्तिष्क और शरीर के बीच संपर्क बना रहता है।
- हृदय का सही तरीके से कार्य करना (Proper Functioning of the Heart): कैल्शियम हृदय की धड़कन को नियमित करने में मदद करता है। यह हृदय की मांसपेशियों को सही तरीके से काम करने में सहायता करता है।
- रक्त का थक्का जमाना (Blood Clotting): कैल्शियम की मदद से शरीर में रक्त का थक्का जमता है, जो चोट लगने पर अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- हार्मोन और एंजाइम का निर्माण (Formation of Hormones and Enzymes): कई हार्मोन और एंजाइम के निर्माण और कार्यों के लिए कैल्शियम जरूरी होता है।
हाइपोकैल्सीमिया के लक्षण क्या हैं ?
1.माइल्ड हाइपोकैल्सीमिया
- मांसपेशियों में दर्द होना और ऐंठन होना
- हाथ और पैरो में दर्द औऱ खिंचाव होना
- बाल मोटे और खुरदुरे हो जाना
- त्वचा सूखी हो जाना
- त्वचा पर पपड़ी जमना
- नाखून टूटना और नाखूनों में क्रैक आना
2. गंभीर हाइपोकैल्सीमीया
- कंफ्यूजन औऱ मैमोरी लॉस की स्थिति
- चिड़चिड़ापन
- बेचैनी
- डिप्रेशन
- स्किन पर पपड़ी जमना
- एग्जिमा के लक्षण
- किडनी के कामकाज में दिक्कत
- बालों का लगातार गिरना और कमजोर होना
- मतिभ्रम यानी हैलुशिनेशन होना
3. अधिक गंभीर हाइपोकैल्सीमिया
- मांसपेशियों में लगातार दर्द बने रहना
- मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होना
- जोड़ों में दर्द होना
- स्किन में खुजली होना
- किडनी में पथरी
- ऑप्डिक डिस्क में सूजन आना
- होठों, उंगलियों, पैरों और जीभ पर झुनझुनाहट होना
- गले की मसल्स में दिक्कत, सांस लेने में दिक्कत होना
- हार्ट रिदम का अनियमित होना
- बाल गिरना
- दांतों का कमजोर होना
- कंजेसिट्व हार्ट फैलियर
- दौरे पड़ना
कैल्शियम की कमी से होनेवाले रोग
- रिकेट्स: कैल्शियम की कमी के कारण रिकेट्स के शिकार हो सकते है. इस बीमारी में हड्डियां बहुत ही ज्यादा मुलायम हो जाती है. जिसके कारण हाथ, पैर आसानी से कही से भी मुड़ जाते है. विटामिन डी या कैल्शियम की कमी से सूखा रोग होता है तो सही आहार द्वारा इसकी पूर्ति करने पर ठीक हो जाता है.
- ऑस्टियोपोरोसिस: ऑस्टियोपोरोसिस का अर्थ है हड्डियों का कमजोर होना. अगर डाइट में कैल्शियम का सेवन कम मात्रा में किया तो हड्डियों का क्षय तेजी से होने लगता है. शुरुआत में कमर दर्द, गर्दन दर्द की समस्या होती है जिसे नजरअंदाज किया तो आगे चलकर हड्डियां टूटने लगती है.
- ऑस्टियोमलेशिया: ऑस्टियोमलेशिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियाँ नरम और कमजोर हो जाती हैं, जिससे दर्द और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है. इसका सबसे आम कारण कैल्शियम की कमी है.
- मांसपेशियों में क्रैम्प: अगर मांसपेशियों में बार बार ऐंठन की समस्या हो रही है तो शरीर में कैल्शियम की कमी हो गई है. यह इसके शुरुआती लक्षण हो सकते हैं. कैल्शियम की कमी से मांसपेशियां कोमल हो जाती है. जिसके बाद क्रैंप्स का खतरा बढ़ जाता है.
कैल्शियम की कमी पूरा करने के लिए क्या खाएं?
कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए डेयरी उत्पाद जैसे दूध, दही और पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक और केल, मेवे और बीज जैसे बादाम और तिल, और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ जैसे सोया दूध और टोफू खाएं. इसके अतिरिक्त, संतरा, सूखे अंजीर, सार्डिन और सालमन जैसी मछली, और राजमा और छोले जैसी फलियां भी कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं.
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