UP News: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य की कामकाजी महिलाओं के लिए बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले से महिलाओं के रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे और उन्हें अधिक अवसर मिलेंगे. सरकार का कहना है कि इस कदम से महिलाओं को न सिर्फ आर्थिक मजबूती मिलेगी बल्कि उनके परिवार भी सुरक्षित महसूस करेंगे. इस आदेश के तहत नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिला कर्मचारियों को डबल वेतन (दोगुनी मजदूरी), सुरक्षा के लिए सीसीटीवी निगरानी, आने जाने की सुविधा और सुरक्षा गार्डों की तैनाती जैसी सुविधाएं दी जाएंगी.
नाइट शिफ्ट में दी जाएंगी सुविधाएं
आदेश के मुताबिक, रात की शिफ्ट में काम करने के लिए महिला कर्मचारी की सहमति जरूरी होगी. अगर कोई महिला नाइट शिफ्ट नहीं करना चाहती तो कंपनी उसे जबरन ड्यूटी पर नहीं लगा सकती. सरकार के निर्देशों के अनुसार, महिलाएं शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक काम कर सकती हैं. इस दौरान कंपनी को उनकी सुरक्षा, वेतन और अन्य सुविधाओं का पूरा ध्यान रखना होगा. महिला कर्मचारियों की सुरक्षा से जुड़ी कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
ओवरटाइम की सीमा भी बढ़ी
बयान में कहा गया है कि महिलाओं के लिए ओवरटाइम की सीमा 75 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे प्रति तिमाही की गई है जिसका भुगतान दोगुनी मजदूरी दर से किया जाएगा. इसके अलावा, महिलाओं को कारखानों और खतरनाक श्रेणी के उद्योगों में अपने जोखिम को आज़माने का बड़ा अवसर मिला है. अब महिलाएं अपने भीतर डर को जीतकर खतरनाक श्रेणी वाले कामकाज में भी हाथ आजमाएंगी जिससे महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा.
ओवरटाइम की सीमा 75 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे प्रति तिमाही
बयान में कहा गया है कि महिलाओं के लिए ओवरटाइम की सीमा 75 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे प्रति तिमाही की गई है जिसका भुगतान दोगुनी मज़दूरी दर से किया जाएगा. इसके अलावा, महिलाओं को कारखानों और ख़तरनाक श्रेणी के उद्योगों में अपने जोखिम को आज़माने का बड़ा अवसर मिला है. अब महिलाएं अपने भीतर डर को जीतकर ख़तरनाक श्रेणी वाले कामकाज में भी हाथ आज़माएंगी जिससे महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा.
महिलाओं को सभी 29 श्रेणियों के खतरनाक उद्योगों में कार्य करने की मिली अनुमति
सरकार ने महिलाओं को सभी 29 श्रेणियों के खतरनाक उद्योगों में कार्य करने की अनुमति दी है, जबकि पहले महिलाओं को केवल 12 ख़तरनाक श्रेणी वाले कार्य करने की सीमित छूट थी. योगी सरकार का ये फैसला औद्योगिक विस्तार और तकनीकी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. इसके अलावा कारखानों में सुरक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन सुविधाओं के साथ ही सीसीटीवी निगरानी और सुरक्षा गार्ड की तैनाती अनिवार्य की गई है. इस निर्णय से महिला कर्मचारी अपनी सहमति से लगातार छह घंटे तक बिना किसी अंतराल के कार्य कर सकती हैं.
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