Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषम पर अंकुश लगाने के लिए एक बड़ी पहल करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विशेष शक्तियों वाली एक समिति के गठन की घोषणा की है. इस समिति में दिल्ली कैबिनेट के मंत्री, सरकारी विभागों के अधिकारी और कुछ विशेषज्ञ और वैज्ञानिक भी शामिल होंगे. इसके साथ ही सभी विभागों को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है कि प्रदूषण से जुड़े किसी भी नियम का उल्लंघन होने पर, चाहे वह किसी व्यक्ति की ओर से हो, या किसी निजी या सरकारी संस्था द्वारा, उस पर जुर्माना लगाया जाए.
इमरजेंसी मिशन की तरह कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदूषण को लेकर लंबी लड़ाई तो लड़नी ही होगी, लेकिन फौरी तौर पर प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए उठाए जा रहे लगातार व प्रभावी उपायों को भी और तेज किया जाना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए इमरजेंसी मिशन की तरह कार्य कर रही है. संबंधित विभागों को आदेश जारी किए गए हैं कि अगले 72 घंटों के भीतर सभी गड्ढों (पॉटहोल्स) की पहचान कर उन्हें भरा जाए. सड़कों का रखरखाव करने वाले विभागों को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं कि कोई भी सड़क टूटी नहीं रहनी चाहिए.
सभी विभागों को सख्त निर्देश जारी
बैठक में मुख्यमंत्री ने इस बात पर गहरी नाराजगी जताई कि कुछ विभाग प्रदूषण को लेकर जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही बरत रहे हैं. उन्होंने बैठक में ही डीपीसीसी अधिकारियों को आदेश दिए कि प्रदूषण में लापरवाही और साफ-सफाई को लेकर कोताही बरतने वाले सरकारी विभागों के खिलाफ चालान काटा जाए. उन्होंने अधिकारियों को यह भी आदेश दिए कि बिना इजाजत रोड कटिंग करने और उसे न भरने वाले सरकारी संस्थानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस कोताही के लिए विभाग के प्रमुख को जिम्मेदार माना जाएगा.
ऐक्शन में सुप्रीम कोर्ट
दूसरी ओर, दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण के उपायों से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट जाने की सलाह दी है. कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले से ही दिल्ली की हवा की गुणवत्ता के मुद्दे पर नजर रख रहा है और इस संबंध में कई आदेश भी जारी कर चुका है.
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