खुली आंखों से जगत देखने वाले व्‍यक्ति को ब्रह्म का चिंतन करने के लिए बंद नहीं करने पड़ते नेत्र: दिव्‍य मोरारी बापू    

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि खुली आँखों से ब्रह्मचिंतन ÷मन…

भक्ति प्रदर्शन की वस्तु नहीं, हृदय से परमात्मा को पाने की विधि है: दिव्‍य मोरारी बापू    

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि भक्ति प्रदर्शन की वस्तु नहीं है,…

व्यवहार के शुद्ध होने पर ही सम्भव है भक्ति: दिव्‍य मोरारी बापू    

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि व्यवहार-शुद्धि-कई वैष्णव अपने व्यापार-धंधे के…

पाप करने से न डरने वाले के मन को नहीं मिलती शांति: दिव्‍य मोरारी बापू    

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि घर में रहकर ही परमात्मा…

संसार के जीवमात्र में जगदीश्वर को देखने की भावना जीवन में प्रदान करती है शान्ति: दिव्‍य मोरारी बापू    

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि प्रत्येक में प्रभु-दर्शन- स्थावर, जंगम…

ज्ञानी पुरूष को अचेतन में भी होते है परमात्मा के दर्शन: दिव्‍य मोरारी बापू    

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि जहां भेद, वहाँ भय- जो…

परमात्‍मा की भक्ति हर समय और हर स्‍थान पर है संभव: दिव्‍य मोरारी बापू    

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि भक्तिमय व्यवहार- भक्ति सर्वत्र सम्भव…

श्रीमद्भागवतमहापुराण पढ़ने व सुनने से प्राप्‍त होती है मुक्ति: दिव्‍य मोरारी बापू    

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि श्रीमद्भागवतमहापुराण वेदरूपी कल्पवृक्ष का पका…

भावना से ही जीवन बनता है, आप जैसा भाव बनाओगे, वैसे ही बन जाओगे: दिव्‍य मोरारी बापू    

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि मनुष्य का जीवन भावना प्रधान…

कर्म फल की आसक्ति ही दुख और बंधन का कारण: दिव्‍य मोरारी बापू    

Puskar/Rajasthan: परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि ।।जीवनु मोर राम बिनु नाहीं।।…