Jobs: देशभर मे पढ़ाई पूरी करने के बाद अधिकतर युवा नौकरी की तलाश में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु या पुणे जैसे मेट्रो शहरों की तरफ जाते है. लेकिन अब सैलरी के इस खेल में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. हाल ही में नए सर्वे में सामने आया है कि मोटी सैलरी के लिए अब पॉपुलर सिटीज अन्य शहर उभर रहे हैं. हैदराबाद, चेन्नई और अहमदाबाद जैसे शहरों में वेतन वृद्धि की रफ्तार दिल्ली और मुंबई से कहीं अधिक देखी जा रही है.
सैलरी ग्रोथ में बेंगलुरू टॉप पर
वहीं चेन्नई में कर्मचारियों की तनख्वाह साढ़े 7 परसेंट बढ़ी है, जबकि दिल्ली इस मामले में 7.3 फीसदी सैलरी इंक्रीमेंट के साथ तीसरे नंबर पर है. यानी टेक्नोलॉजी और बिजनेस हब के तौर पर बैंगलोर ने सैलरी इंक्रीमेंट के मामले में देशभर में टॉप किया है. रिपोर्ट के मुताबिक बैंगलोर में एवरेज मंथली सैलरी साढ़े 29 हजार रुपये है जो देश में सबसे ज्यादा है. इसके बाद दिल्ली में औसतन तनख्वाह 27 हजार 800 रुपये है, जबकि मुंबई में एवरेज सैलरी 25 हजार 100 रुपये, पुणे में 24 हजार 700 रुपये है और चेन्नई में औसतन तनख्वाह साढ़े 24 हजार रुपये है.
हैदराबाद, चेन्नई में ग्रोथ
रिपोर्ट बताती है कि हैदराबाद, चेन्नई और अहमदाबाद अब तक की सबसे तेज सैलरी ग्रोथ ऑफर कर रहे हैं. ये ग्रोथ मेट्रो सिटीज में मिल रही ग्रोथ से भी कहीं ज्यादा है.
इस सर्वे में देश के 1300 से ज्यादा एम्प्लॉयर और 2500 से ज्यादा एम्प्लॉयज शामिल हुए थे. इसमें नौकरी पेशाओं के सैलरी ट्रेंड, जॉब रोल्स, कॉस्ट ऑफ लिविंग और लोग अपनी सैलरी के बारे में क्या सोचते हैं, इन फैक्टर्स पर बात की गई.
सर्वे का डेटा बताता है कि फ्रेशर्स को सबसे अच्छी सैलरी देने के मामले में चेन्नई सबसे आगे है. यहां फ्रेशर्स के लिए ऐवरेज सैलरी 30,100/- रुपए प्रतिमाह है. वहीं, 5 से 8 साल एक्सपीरियंस वालों के लिए 69,700/- ऐवरेज सैलरी के साथ हैदराबाद सबसे आगे है.
फ्रेशर्स मिड लेवल प्रोफेश्नल्स को सबसे ज्यादा सैलरी

सैलरी उनके शहर की लागत के अनुसार नही है पर्याप्त
दिल्ली में यह संख्या 96% तक पहुंच चुकी है, वहीं मुंबई में 95%, पुणे में 94% और बेंगलुरु में 93% लोगों ने यही बात कही. इसका सीधा कारण है महंगे रेंट, ट्रैवलिंग खर्च, खाने-पीने और अन्य जरूरतों की कीमतें, जो दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं.
दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में भले ही नौकरी के मौके हों, लेकिन यहां की महंगाई ने लोगों की जेब ढीली कर रखी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब 69% लोगों का कहना है कि उनकी सैलरी उनके शहर की लागत के अनुसार पर्याप्त नहीं है.
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