आगरा। अंतरिक्ष में रुचि रखने वालों को 60 घंटे तक घटित होने वाली खगोलीय घटना का गवाह बनने का मौका मिलेगा। 26 मई की दोपहर से चंद्रग्रहण के साथ ही सुपर ब्लडमून की खगोलीय घटना शुरू हो जाएगी। 60 घंटे तक धरती पर चांद अपनी लालिमा बिखेरेगा। जिले में उपछाया चंद्रग्रहण की शुरूआत 26 मई बुधवार को दोपहर 2:15 बजे से शुरू हो जाएगी जो शाम 7:19 बजे तक रहेगी। सोरों के ज्योतिषाचार्य डा. राधाकृष्ण दीक्षित ने बताया कि इसी दौरान सुपर ब्लड मूल की खगोलीय घटना शुरू हो जाएगी। वैसे तो यह घटना 60 घंटे तक रहेगी। लेकिन बुधवार की शाम को 6:49 बजे से बढ़े आकार में लाल रंगा का चंद्रमा दिखाई देने लगेगा। कासगंज में सुपरमून आंशिक रूप से नजर आएगा। 35 मिनट तक इस घटना को जिले में लोग देख सकेंगे। बताया कि यह उपछाया चंद्र ग्रहण है। ऐसे में सूतक नहीं लगेंगे। इस ग्रहण में पृथ्वी की उपछाया चंद्रमा पर पड़ती है। पिछली बार सुपर ब्लडमून की खगोलीय घटना 21 जनवरी 2019 को घटित हुई थी। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक अगली बार 16 मई 2022 को यह घटना घटित होगी। बताया कि चंद्र ग्रहण के दौरान पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ेगी। इस दौरान चांद कुछ देर के लिए पूरा लाल हो जाएगा। सुपर ब्लड मून पृथ्वी से दिखाई देने वाले चंद्रमा का एक बड़ा आकार है। चंद्रमा की पृथ्वी से चक्कर काटने की कक्षा अंडाकार है जिससे कई बार चंद्रमा पृथ्वी के काफी पास आ जाता है। यदि पूर्णिमा तिथि के दिन ऐसा होता है तो इसे सुपर ब्लड मून की खगोलीय घटना माना जाता है। सुपरमून का संबंध पूर्णिमा तिथि से है। पूर्णिमा तिथि मंगलवार की रात 8:29 बजे से शुरू हो जाएगी। यह बुद्धपूर्णिमा होगी। बुधवार को पूर्णिमा 4:43 बजे तक रहेगी। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक बुधवार को जो चंद्रग्रहण लगेगा वह वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा। इस दिन भगवान बुद्ध, भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस खगोलीय घटना के दौरान चंद्रमा लगभग 30 फीसदी अधिक चमकीला नजर आता है और लगभग 14 प्रतिशत अपने सामान्य आकार से बड़ा दिखाई देता है, लेकिन वास्तव में चंद्रमा का आकार बड़ा नहीं होता, बल्कि पृथ्वी से इसकी निकटता के कारण यह बड़ा प्रतीत होता है।