प्रयागराज। जिले में बाईपास निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र सरकार ने वित्तीय स्वीकृति देते हुए निर्माण के लिए 309 करोड़, 48 लाख रुपये आवंटित कर दिए हैं। अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जून माह में टेंडर होगा और सितंबर माह में निर्माण प्रारंभ हो जाएगा। जिले में 14 किमी लंबे बाईपास के निर्माण के लिए अब और इंतजार नहीं करना होगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बाईपास निर्माण की हरी झंडी दे दी है। मंत्रालय ने वित्तीय स्वीकृति प्रदान करते हुए 309 करोड़ 48 लाख रुपये का बजट आवंटित किया है। केंद्र सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से छह महीने के अंदर बाईपास का निर्माण शुरू करने को कहा है। हालांकि, प्राधिकरण की तैयारी के मुताबिक छह माह से पहले ही प्रगति रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपकर दूसरी किस्त के लिए मांग पत्र प्रस्तुत करने की योजना है। अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले माह जून में टेंडर जारी होगा और सितंबर माह में निर्माण प्रारंभ हो जाएगा। वर्ष 2013 में फैजाबाद -प्रयागराज हाईवे के गोड़े गांव से निकलकर पूरे केशवराय होते हुए सुखपालनगर के महकनी मोड़ पर लखनऊ-वाराणसी राजमार्ग में मिलने वाले बाईपास का प्रस्ताव हुआ था। इसके बाद इसका सर्वे कराया गया। बाईपास के निर्माण के लिए किसानों की जमीनों का अधिग्रहण शुरू कर मुआवजा बांटा गया। करीब-करीब सभी किसानों को मुआवजे की रकम वितरित की जा चुकी है। बीच में बाईपास के निर्माण को लेकर कुछ अड़चनें आ रही थीं। उन्हें भी दूर कर लिया गया है। 14 किमी लंबे बाईपास में तीन पुलों का निर्माण होगा। एक पुल चमरौधा, जबकि दो पुल सई नदी पर तैयार किए जाएंगे। अमेठी-प्रतापगढ़, वाराणसी-लखनऊ और प्रयागराज-फैजाबाद के हाईवे के जुड़ने से शहर में वाहनों की भीड़ कम हो जाएगी। इससे जाम से शहरियों को राहत मिल जाएगी।