गोरखपुर। पंचायत चुनाव में कोरोना से मृत कर्मचारियों के परिजनों को अनुग्रह राशि के लिए 15 जून तक फिर से आवेदन करना होगा। पूर्व में जारी शासनादेश के मुताबिक प्रशासन ने गोरखपुर जिले में सिर्फ तीन कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी के दौरान मृत मानकर उनके परिजनों को मुआवजा देने के लिए संस्तुति की थी। जबकि आवेदन 60 से अधिक परिवारों ने किए थे। प्रदेश की योगी सरकार ने पंचायत चुनाव में ड्यूटी के 30 दिन के भीतर कोरोना से मृत कर्मचारियों-शिक्षकों को 30 लाख रूपये का मुआवजा देने का फैसला किया है। इस संबंध में मंगलवार देर शाम संशोधित शासनादेश जारी कर दिया गया। चुनावी ड्यूटी के दौरान अपनों की मौत का दावा करने वाले परिवारवालों को 15 जून तक आवेदन करने के लिए कहा गया है। 22 जून तक इनका सत्यापन कर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। माना जा रहा है कि माह के आखिरी में मुआवजे की रकम संबंधित के खाते में पहुंच जाएगी। अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा जारी शासनादेश में कहा गया है कि ड्यूटी अवधि की जो परिभाषा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित की गई है, उसके आधार पर तय गाइड लाइन में कोविड-19 की वजह से होने वाले संक्रमण व इसके फलस्वरूप होने वाली मृत्यु में लगने वाले समय का ध्यान नहीं रखा गया। संशोधित गाइड लाइन में निर्वाचन ड्यूटी की तारीख से 30 दिन के भीतर कोविड-19 से होने वाली मौत को अनुग्रह राशि देने का मानक बना है।
सरकार ने 15 लाख की अनुग्रह राशि को बढ़ाकर 30 लाख रूपये देने का निर्णय किया है। कोविड मृत्यु से साक्ष्य के लिए एंटीजन, आरटीपीसीआर की पॉजिटिव टेस्ट रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट, सीटी स्कैन में कोविड इंफेक्शन मान्य होगा। कोविड-19 के मरीज के कतिपय परिस्थितियों में टेस्ट में निगेटिव होने के बाद पोस्ट कोविड संक्रमण से मृत्यु हो सकती, इसे भी कोविड-19 से मृत्यु ही माना जाएगा।