लखनऊ। हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचाव के लिए सीडीआरआई लखनऊ नई सुरक्षित दवा विकसित करेगा। इसके लिए संस्थान ने प्रदेश की फार्मा कंपनी मार्क लेबोरेट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया है। संस्थान को दवा के फेज-1 के क्लीनिकल परीक्षण की अनुमति मिल चुकी है। सीडीआरआई के निदेशक प्रो. तपस के कुंडू ने बताया कि हृदय की धमनियों में खून का थक्का जमना बेहद गंभीर समस्या है। ऐसा धमनियों के कठोर या उनमें आई रुकावटों से संकीर्ण हो जाने से बने घावों से होता है। इससे बचाव के लिए प्लेटलेट्स के कोलैजन (खास प्रकार का प्रोटीन) को क्रिया करने से रोकने को नई चिकित्सकीय रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। सीडीआरआई की ओर से तैयार कंपाउंड एस-007-867 रक्त प्रवाह सुचारू बनाए रखता है। इसके अलावा यह आम तौर पर रक्त वाहिनियों में बनने वाले थक्कों से होने वाले अवरोध की प्रक्रिया को भी धीमा कर देता है। खास बात है कि मौजूद दवाओं की तुलना में रक्तस्राव का जोखिम भी कम होता है। प्रयोगशाला में जंतुओं पर हुए प्रयोगों में इस कंपाउंड के बेहतर नतीजे मिले। सीडीआरआई के निदेशक ने बताया कि कोरोना पीड़ित खास तौर पर जिन्हें गंभीर रूप से सांस लेने में तकलीफ होती है और जिनके परीक्षण में खून के जमने का समय कम पाया जाता है उनमें भी यह दवा फायदेमंद हो सकती है। इसे कोरोना के कारण उत्पन्न हुई ऐसी जटिलताओं के इलाज के लिए बेहतर विकल्प के रूप में देखा जा सकता है। यह दवा जल्द बाजार में आएगी। प्रो. तपस ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर सी मांडे और सीएम योगी आदित्यनाथ के व्यापक दृष्टिकोण के अनुसार फार्मा उद्योगों एवं शोध संस्थानों की साझेदारी प्रदेश में फार्मा क्लस्टर के विकास के लिए बहुत फायदेमंद होगी। मार्क लेबोरेट्रीज के चेयरमैन प्रेम किशोर ने कहा कि सीडीआरआई के साथ जुड़ाव काफी फायदेमंद होगा। जल्द ही दवाई सभी के लिए उपलब्ध होगी।