लखनऊ। राजधानी के विकास के लिए सिटी डवलपमेंट प्लान (सीडीपी) बनाने की प्रक्रिया एलडीए बुधवार से शुरू करेगा। इसमें सड़क नेटवर्क के अलावा बड़े पार्कों, खुली जगह और ग्रीन कॉलोनी थीम पर नई आवासीय योजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। नए और पुराने इलाकों के विकास के लिए जरूरी प्रोजेक्टों को चिह्नित कर सीडीपी में शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री के आदेश पर एलडीए को भी लखनऊ के लिए अयोध्या की तर्ज पर सीडीपी तैयार करनी है, जिससे राजधानी के ढांचागत विकास पर काम हो सके। एलडीए बोर्ड से इसकी अनुमति के बाद प्राधिकरण बुधवार को आर्किटेक्ट सलाहकार के चयन के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर रहा है। इसमें दिग्गज आर्किटेक्ट कंपनियों को ई-टेंडर किया जाना है। मुख्य अभियंता इंदुशेखर सिंह ने बताया कि सीडीपी बनाने का मकसद शहर को सतत विकास देना है। ऐसे में हमें एक विजन तैयार करना है, जिस पर शहर का विकास कराया जा सके। इसके लिए सबसे पहले जरूरत शहर की आने वाले 30 साल में जरूरत और मौजूदा विकास में अंतर को चिह्नित करना है। सबसे पहले सड़क नेटवर्क को बेहतर करने की जरूरत होगी। इसके लिए एलडीए के मिसिंग लिंक प्रोजेक्ट को सीडीपी का हिस्सा बनाया जा सकता है। वहीं, कॉलोनियों में पीने के पानी से लेकर शुद्ध हवा, कूड़े के निस्तारण जैसी दिक्कतें भी दूर करनी होगी। इसे ग्रीन कॉलोनी भी कहा जाता है। आर्किटेक्ट सलाहकार तय हो जाने के बाद मंडलायुक्त की अध्यक्षता में सभी संबंधित विभागों की बैठक होगी। इसमें एलडीए, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, लेसा, सिंचाई विभाग, पुलिस आदि बताएंगे कि कौन से प्रोजेक्ट सीडीपी में शामिल करा सकते हैं। इनकी प्री-फिजिबिलिटी आर्किटेक्ट सलाहकार देखेगा। इसके अलावा खुद भी शहर की जरूरतों का आकलन कर प्रोजेक्टों की जरूरत पर सुझाव देगा। इस पर फिजिबिलिटी रिपोर्ट भी मंडलायुक्त को देनी होगी। इसके बाद डीपीआर बनाई जाएगी।