गोरखपुर। रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन डिवाइस (आरएफआईडी) का इस्तेमाल कर गोरखपुर नगर निगम ने एक साल के दौरान करीब 30 हजार लीटर डीजल बचाया है। साथ ही डीजल भरवाने पर मिलने वाले प्वाइंट्स से नगर निगम को 1.25 लाख रुपये की आमदनी भी हुई है। नगर निगम गोरखपुर के द्वारा अपनाई गई इस तकनीक को सरकार पूरे प्रदेश में लागू करने की योजना बना रही है। इंडियल ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) से करार के तहत नगर निगम द्वारा निर्धारित पेट्रोल पंपों की मशीनों और नगर निगम की गाड़ियों पर आरएफआईडी डिवाइस लगा दी गई है। इन पंपों पर डीजल की जो भी मात्रा गाड़ियों में भरी जाती है उसे डिवाइस रीड करता है और फिर निर्धारित मात्रा में टंकी में तेल जाने के बाद अपने आप बंद हो जाता है। साथ ही इसका मैसेज नगर निगम के निर्धारित पोर्टल पर पहुंच जाता है। पहले गाड़ियों की टंकियों में डीजल भरवाने के लिए नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के सुपरवाइजरों के जरिये पर्ची काटी जाती थी। ड्राइवर उन पर्चियों को लेकर पेट्रोल पंप पर जाते थे और फिर तेल भरा जाता था। इसमें काफी घपला होता था। ड्राइवर पर्ची लेकर गलत तरीके से इसका इस्तेमाल करते थे। अब नई व्यवस्था से पर्ची सिस्टम पूरी तरह खत्म हो गया है और ई-पेमेंट की व्यवस्था शुरू हो गई है।