कानपुर। केंद्र सरकार ने कानपुर समेत देश भर की 41 आयुध निर्माणियों को सात कंपनियों में बांटा है। ये सभी कंपनी पब्लिक सेक्टर यूनिट (पीएसयू) होंगी। इसमें से तीन कंपनियों के हेडक्वार्टर शहर में होंगे। इन सभी जगहों पर 22,103 कर्मचारी अधिकारी काम करेंगे। इन तीनों कंपनियों का 2020 का राजस्व 2404 करोड़ रहा है। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने एम्युनिशन और एक्प्लोसिव, व्हीकल, वेपन एंड एक्विपमेंट, ट्रूूप कंफर्ट आइटम, एंसीलरी, आप्टो इलेक्ट्रानिक्स और पैराशूट पीएसयू बनाया है। शहर में पांच आयुध निर्माणियां हैं। जिसमें आयुध निर्माणी कानपुर ओएफसी और फील्डगन फैक्टरी को वेपन एंड एक्विपमेंट में शमिल किया गया है। आयुध उपस्कर निर्माणी (ओईएफ) को ट्रूप कंफर्ट आइटम में और आयुध पैराशूट निर्माणी (ओपीएफ) को पैराशूट पीएसयू में शामिल किया गया है। एम्युनिशन और एक्प्लोसिव का मुख्यालय खड़की पुणे का बनाया गया है। यहां का वार्षिक राजस्व 4348 बताया गया है। यहां पर 24,436 कर्मचारियों-अफसरों को शामिल किया गया है। व्हीकल का मुख्यालय अवाडी चेन्नई होगा। इसका वार्षिक राजस्व 3609 करोड़ है। यहां पर 12,169 कर्मचारी-अधिकारी शामिल किए गए हैं। वेपन एंड एक्विपमेंट का मुख्यालय शहर में होगा। इसमें 14,524 कर्मचारी-अधिकारी होंगे। इसका वार्षिक राजस्व 1660 करोड़ होगा। ट्रूूप कंफर्ट आइटम और पैराशूट का मुख्यालय भी शहर में होगा। इसमें क्रमश: 6,325 और 1,254 कर्मचारी अधिकारी शामिल किए गए हैं। दोनों का राजस्व क्रमश: 628 और 116 करोड़ है। सूत्रों ने बताया कि एंसिलरी का मुख्यालस अंबाझारी नागपुर, आप्टो इलेक्ट्रानिक्स का मुख्यालय देहरादून होगा। बताया गया कि देश के अन्य शहरों की तुलना में सबसे ज्यादा पांच निर्माणियां कानपुर हैं। उत्तर प्रदेश में इनकी संख्या आठ है। शहर के पास ही डिफेंस कॉरीडोर बनना है। ऐसे में शहर को हथियारों का बड़ा हब बनाया जा सकता है।