गोरखपुर। राप्ती और रोहिन नदियों के जलस्तर का अपडेट अब सीधे मोबाइल पर मिल सकेगा। इसके लिए किसी मेनपावर की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह संभव होगा पूर्वोत्तर रेलवे के वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम से। गोरखपुर की राप्ती और रोहिन नदियों पर बने रेलवे के पुलों पर यह सिस्टम अगले महीने तक काम करने लगेगा। इसके बाद इन नदियों के जलस्तर की रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों के पास उनके मोबाइल पर आने लगेगी। एनईआर के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे के दायरे में आने वाली महत्वपूर्ण नदियों पर बने पुलों पर इस सिस्टम को लगा दिया गया है। बताया कि पारंपरिक गेज पद्धति से नदियों का जलस्तर पता करने में तात्कालिक सूचनाएं नहीं मिल पाती थीं। इससे रेलवे ट्रैक और पुल पर खतरे को भांप पाना मुश्किल होता था। इससे कभी-कभी बाढ़ का पानी ट्रैक पर भी आ जाता था। लेकिन, आधुनिक वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम के इस्तेमाल से जलस्तर की सूचना मिलनी आसान हो जाएगी और खतरे का आकलन कर उसी हिसाब से पहले ही व्यवस्था की जाएगी। पूर्वोत्तर रेलवे के दायरे में आने वाले 15 पुलों पर इस सिस्टम को लगाया जा चुका है। महाप्रबंधक ने अब गोरखपुर-नौतनवां के बीच महेसरा पुल और गोरखपुर में राप्ती नदी के पुल पर वाटर लेवल मॉनीटरिंग सिस्टम लगाने का निर्देश दिए है। जिसके बाद प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।