सात अगस्त को खतरे का निशान पार कर सकती हैं गंगा और यमुना नदी

प्रयागराज। जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। चंबल नदी में 17 लाख 85 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसकी वजह से सात अगस्त को गंगा और यमुना नदी का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर जाने का खतरा बन गया है। इसे लेकर मंडलायुक्त संजय गोयल ने एलर्ट जारी कर सभी तरह की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रभावित इलाकों में मुनादी कराई गई है। एनडीआरएफ की टीम भी बुला ली गई है। गंगा और यमुना नदी का जल स्तर 80 मीटर के करीब पहुंच चुका है तथा तटीय इलाकों में पानी घुसने लगा है। मंगलवार को जल स्तर में कमी होने से राहत की उम्मीद जगी थी लेकिन चंबल नदी में पानी छोड़े जाने से मुसीबत बढ़ने जा रही है। चंबल में छोड़ा गया पानी शनिवार तक यहां पहुंच जाएगा। इससे जल स्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है। हालांकि पानी को जगह-जगह डायवर्ट करने की कोशिश की जा रही है। इसके बावजूद हजारों घरों में पानी घुसने का अंदेशा बन गया है। इसे देखते हुए सभी एसडीएम को पूरी टीम के साथ अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। तटीय इलाके के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की हिदायत दी गई है। एडीएम वित्त एवं राजस्व एमपी सिंह ने बताया कि एनडीआरएफ की अतिरिक्त टीम भी बुला ली गई है। टीम शुक्रवार को ही यहां पहुंच जाएगी। बाढ़ से निपटने के लिए अन्य तैयारी भी की गई है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए 98 चौकियां बनाई गई हैं। 135 राहत शिविर बनाए गए हैं। अलग-अलग क्षेत्रों के लिए प्रभारी भी नियुक्त किए गए हैं। राहत शिविरों में सभी जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। 30 मोटर वोट के भी इंतजाम किए गए हैं। सदर तहसील के अंतर्गत ही करीब 2000 नाव भी बुक किए गए हैं। मध्य प्रदेश में बारिश और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए चंबल के अलावा अन्य नदियों में भी पानी छोड़े जाने की आशंका है। इसके अलावा उत्तराखंड से गंगा नदी में भी पानी छोड़े की बात कही जा रही है। एक-दो दिन में पानी छोड़ा गया तो गंगा और यमुना नदियों के जल स्तर में काफी इजाफा हो जाएगा। इससे हजारों परिवार बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे।

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