प्रयागराज। संगम एक्सप्रेस में सफर कर रही एक महिला ने मदद मांगी कि उसे अपने छह माह के बेटे के लिए डायपर चाहिए। महिला को घंटे भर बाद अगले स्टेशन पर डायपर उपलब्ध हो गया। इसी तरह से रीवा एक्सप्रेस से सफर कर रहे एक बुर्जुग यात्री ने ब्लड प्रेशर की दवा खत्म हो जाने पर गुहार लगाई कि उसे दवा चाहिए। इस दौरान उस यात्री को भी रेलवे ने अगले एक से डेढ़ घंटे में दवा उपलब्ध करवा दी। ऐसी ही तमाम समस्याओं का निदान रेलवे ने बीते चार माह के दौरान किया है। इस दौरान यात्रियों ने भी रेलवे की इस व्यवस्था का शुक्रिया अदा किया है। यह संभव हुआ है रेलवे के रेल मदद एप से। रेलवे का रेल मदद एप (मोबाइल एप्लीकेशन फॉर डिजायर्ड एसिसटेंस ड्यूरिंग ट्रेवल) का दायरा लगातार बढ़ता रहा है। उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल की ही बात करें तो इस वित्तीय वर्ष के शुरूआत चार माह में रेलवे द्वारा मदद एप के माध्यम से तकरीबन 6200 शिकायतों का निवारण किया गया। इस दौरान 553 डिमांड को सिर्फ चिकित्सीय सेवा उपलब्ध करवाने की रही। हालांकि फीडबैक देने के मामले में यात्रियों ने कुछ कंजूसी जरूर की है। चार माह की अवधि में इस एप के माध्यम से मदद पाने वाले 46 ने फीडबैक के रूप में इस सुविधा को एक्सीलेंट कहा है, जबकि 628 ने इसे बढ़िया बताया। यात्रियों से मिल रहे बेहतर रिस्पांस से रेलवे अफसर और कर्मचारी भी खासे उत्साहित हैं। प्रयागराज मंडल के सीनियर पीआरओ अमित कुमार सिंह बताते हैं कि इस अवधि में एक महिला ने प्रसव पीड़ा की बात बताई थी। समय रहते ट्रेन में महिला को चिकित्सीय मदद उपलब्ध करवाई गई। महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। इसके अलावा अकेले सफर करने वाली महिलाओं की शिकायत पर भी उन्हें मदद भेजी गई। इसके अलावा कोच में साफ सफाई, पानी की उपलब्धता, बुजुर्ग यात्रियों को ऊपरी बर्थ की जगह नीचे वाली बर्थ भी रेल मदद के माध्यम से उपलब्ध करवाई गई।