गांव की ओर बढ़ रहा है गंगा का पानी

गाजीपुर। गंगा के जलस्तर में वृद्धि का क्रम जाती है। इससे पतित पावनी का रूप और रौंद्र होता जा रहा है। अब सड़कों के साथ ही मां गंगा गांव की ओर बढ़ने लगी हैं। नाला के माध्यम से नगर के कुछ नीचले इलाकों में भी बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई। जिन गांव में पानी घुसा है, वहां के लोगों का सुरक्षित स्थानों के लिए पलायन शुरू हो गया है। रविवार को गंगा खतरा के निशान से 65 सेंमी ऊपर पहुंच गई। यदि जलस्तर में वृद्धि नहीं रूकी तो जिले के सैकड़ों गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाएंगा और लाखों लोगों की मुसीबत बढ़ जाएगी। बाढ़ की वजह से गाजीपुर-बलिया मार्ग पर आवागमन ठप हो चुका है। प्रशासनिक अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरा शुरू करते हुए संबंधितों को दिशा-निर्देश देना शुरू कर दिया है। पिछले कई दिनों से गंगा के जल स्तर में वृद्धि का क्रम जाती है। बीते गुरूवार की सुबह करीब दस बजे से छह सेंमी प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर में वृद्धि जारी हो गई। शुक्रवार की रात करीब 1 बजे गंगा खतरे के निशान को पार करते हुए 35 सेंमी ऊपर बहने लगी थी। इससे जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों के साथ ही तटवर्ती इलाकों के कई गांव में पानी प्रवेश कर गया। गाजीपुर-बलिया मार्ग पर स्थित कठवामोड़ अस्थायी पुल को ढकते हुए पतित पावनी बहने लगी। इससे पुल पर आवागमन ठप गया है। इससे लोग बलिया, मुहम्मदाबाद, कासिमाबाद सहित अन्य स्थानों के लिए जाने वाले लोग गाजीपुर घाट से चौरही बोरसिया होते पारा जाने वाले मार्ग का सहारा लेने लगे, लेकिन चौरही पुलिया पर बाढ़ का पानी भर जाने से इस पर आवागमन ठप हो गया है। इससे आवागमन करने वालों की परेशानी बढ़ गई है। सेवराई तहसील क्षेत्र के रेवतीपुर से रामपुर उर्फ साधोपुर के संपर्क मार्ग पर गंगा नदी के बाढ़ का पानी भर जाने के कारण रामपुर उर्फ साधोपुर गांव व लगभग आधा दर्जन गांव के डेरा का संपर्क तहसील मुख्यालय से कट सा गया है। रविवार को पानी सड़कों सहित गांव में भी घुसना शुरू हो गया। किसान जो गांव से दूर डेरे पर रहते थे, वहां पशुपालन सहित कृषि कार्य भी देखते हुए अपना जीवन यापन करते हैं, उन्होंने वहां से पलायन करना शुरू कर दिया हैं। अभी तक शासन द्वारा राहत का कार्य शुरू नहीं किया गया है। सदर ब्लाक के तैजपुरा गंगबरार गांव की निषाद बस्ती में स्थित करीब डेढ़ सौ कच्चा-पक्का मकान बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। इससे उसमें रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है। प्रशासन द्वारा नाव की व्यवस्था न कराए जाने से लोग कमर भर पानी में घुसकर आने-जाने को विवश है। ग्राम प्रधान द्वारा नाव की व्यवस्था कराई गई है, जिससे लोग घरों के सामानों को सुरक्षित निकालने में जुटे हुए है। जल्द से जल्द बड़ी तबाही मचाए बिना पतित पावनी दरवाजा से लौट जाए, इसकी लोग प्रार्थना कर रहे हैं। इसके साथ ही नाला के माध्यम से नगर के लकड़ी के टाल, खजुरिया सहित एक कुछ इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। यदि एक-दो दिन में गंगा में ठहराव नहीं आया जिले के विभिन्न ग्रामीणों क्षेत्रों के सैकड़ों गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश करते हुए तबाही मचा सकता है। केंद्रीय जल आयोग के कर्मचारी हसनैन ने बताया कि रविवार को भी दो सेंमी प्रति घंटा की रफ्तार से गंगा में बढ़ाव जारी है। दोपहर एक बजे तक गंगा का जलस्तर 63.780 दर्ज किया गया। गंगा खतरा के निशान से 65 सेंमी ऊपर बह रही है।

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