गो संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाएगी प्रदेश सरकार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार गो संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाएगी। साथ ही गोबर का उपयोग ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति में करने पर विशेषज्ञ संस्थाओं की मदद ली जाएगी। शासन ने इससे संबंधित प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। पशुपालन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गो संरक्षण केंद्रों को सरकार आत्मनिर्भर बनाना चाहती है। वाराणसी में गोवर्धन योजना के तहत तथा गोरखपुर में गोबर से एलीपीजी गैस उत्पादन प्लांट के प्रयोग से यह लक्ष्य हासिल किया जाएगा। वृंदावन-मथुरा की गोशालाओं के प्रयोग अन्य स्थानों पर भी लागू करने का विचार है। गो संरक्षण केंद्रों में उपलब्ध गोबर का सदुपयोग ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति के लिए करने का प्रस्ताव है। इसके लिए आईआईटी कानपुर व आईआईटी बीएचयू के साथ समन्वय कर प्रोजेक्ट तैयार करने का फैसला हुआ है।मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने गोवंश संरक्षण स्थलों के रखरखाव की व्यवस्था में खामियों पर नाराजगी जताई है। उन्होंने सभी कमिश्नर व डीएम को निर्देश दिए हैं कि वे वहां अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। मुख्य सचिव ने कहा किकुछ गोवंश स्थलों में चारा, भूसा, पानी व सफाई की समुचित व्यवस्था न किए जाने की शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने अफसरों को कहा है कि वे स्वयं इन गोवंश संरक्षण स्थलों का नियमित निरीक्षण करें व अधीनस्थ अधिकारियों से कराएं। वहां केयर टेकर की उपलब्धता पूरे समय सुनिश्चित की जाए। उपलब्ध गोवंश की प्रतिदिन गणना की जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *