प्रयागराज। प्रदेश में एक ही काम के लिए दो तरह की योग्यता और मानदेय के आधार पर भर्ती की कार्यवाही शुरू की गई है। इससे भविष्य में कोर्ट-कचहरी का दौर शुरू हो सकता है। इस तरह की भर्ती प्रणाली से विभागों के भीतर तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है। पंचायतीराज विभाग ने गत 26 जुलाई को सभी 58,189 ग्राम पंचायतों में एक-एक पंचायत सहायक/ अकाउंटेंट-कम-डाटा इंट्री ऑपरेटर के चयन की प्रक्रिया का एलान किया था। ग्राम्य विकास विभाग ने अब मनरेगा के तहत कई अन्य पदों के अलावा कंप्यूटर ऑपरेटर के 116 पदों पर भर्ती की कार्यवाही शुरू की है। इन कंप्यूटर ऑपरेटरों का चयन जिला व विकास खंड कार्यालयों के लिए किया जाना है। जानकार बताते हैं कि दोनों ही विभागों में चयनित किए जाने वाले कर्मियों का मुख्य काम कंप्यूटर टाइपिंग, डाटा फीडिंग और ऑनलाइन गतिविधियों को क्रियान्वित करना होगा। मगर कई मायने में ग्राम पंचायत सहायक के पास ग्राम्य विकास के कंप्यूटर ऑपरेटर की अपेक्षा अधिक जिम्मेदारी व काम है। पर, चयन प्रक्रिया और मानदेय में लगभग दो गुने का अंतर हो गया है। पंचायत सहायक/अकाउंटेंट-कम-डाटा इंट्री ऑपरेटर का चयन ग्राम पंचायत स्तर पर किया जा रहा है, जबकि ग्राम्य विकास के कंप्यूटर ऑपरेटर का चयन प्रदेश स्तर से आउटसोर्सिंग एजेंसी के जरिए किया जा रहा है।