मुरादाबाद। डीएनए रिपोर्ट न आने के कारण अपनों की पहचान से लेकर अपराध की गुत्थियों तक को सुलझाने की देरी अब नहीं होगी। मुरादाबाद की फॉरेंसिक लैब में ही अब जल्द डीएनए यानी डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक अम्ल की जांच शुरू हो जाएगी। नए साल में मुरादाबाद को इस जांच लैब का तोहफा मिलने की कवायद शुरू कर दी गई है। प्रयोगशाला के लिए उपकरणों की खरीद शुरू हो गई है। सब कुछ ठीक रहा तो जनवरी 2022 से यहां डीएनए नमूनों की जांच भी शुरू हो जाएगी। इसका लाभ बरेली और मुरादाबाद मंडल के नौ जिलों को मिलेगा। मुरादाबाद में कांठ रोड पर 24वीं वाहिनी पीएसी के पीछे 19 जुलाई 2016 को विधि विज्ञान प्रयोगशाला स्थापित की गई थी। इसमें सात अनुभागों में जांच की जा रही है, जबकि डीएनए जांच के लिए नमूने लखनऊ की विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजे जाते हैं। वहां से तीन से पांच साल तक रिपोर्ट आने का इंतजार किया जाता है। जिस कारण हत्या और दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराधों की तफ्तीश बीच में रुकी रहती है। इसके अलावा अदालतों में भी केस की सुनवाई पर असर पड़ता है या डीएनए रिपोर्ट न आने की वजह आरोपी इसका लाभ उठाकर छूट जाते हैं। कई मामलों में लापता लोगों के शव मिलने पर उनके अपनों की पहचान ही नहीं हो पाती। इन वजहों से पुलिस कार्रवाई में देरी न हो और रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार न करना पड़े, इसके लिए मुरादाबाद की फोरेंसिक लैब में डीएनए जांच के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। उसे शासन ने मंजूर कर लिया था और इसके लिए बजट भी जारी हो चुका है। विशेषज्ञों का दावा है कि लैब में जांच शुरू होने के बाद नमूने मिलने के छह माह के भीतर ही रिपोर्ट तैयार हो जाएगी। इससे पुलिस को बिछड़ों को मिलाने से लेकर जघन्य अपराध के दोषियों को सजा दिलवाने में आसानी होगी।