कानपुर। कानपुर में राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना के तहत वित्त मंत्रालय ने रेलवे की कुछ ट्रेनों को प्राइवेट हाथों में देने की योजना बनाई है। इसके तहत कानपुर से चलने वाली 12 ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपने का मसौदा तैयार होने के बाद चार प्राइवेट मेमू ट्रेनों को भी चलाने की योजना है। कुछ चुनिंदा रूटों पर पैसेंजर ट्रेनों के संचालन में कारपोरेट सेक्टर का हिस्सा होगा। इसके बाद कानपुर से प्रयागराज, शिकोहाबाद, लखनऊ और झांसी के लिए कारपोरेट मेमू चलाने की योजना बनी है। प्राइवेट कंपनियों की बोली लगने के बाद इन ट्रेनों को भी चलाया जाएगा। नई दिल्ली से लखनऊ वाया कानपुर तेजस एक्सप्रेस और वाराणसी से इंदौर वाया कानपुर काशी महाकाल एक्सप्रेस कारपोरेट सेक्टर की ट्रेनें हैं, जो काफी पहले से सफल हैं। इन ट्रेनों में यात्री सुविधाएं ज्यादा होने की वजह से यात्री आकर्षित होते हैं। फ्लाइट की तर्ज पर तेजस और महाकाल में रेल होस्टेज चलती हैं। शताब्दी, राजधानी की तरह उम्दा भोजन भी ट्रेन की खास खूबी है। कारपोरेट की पैसेंजर ट्रेनें सर्किल रूट पर चलेंगी। भविष्य में चलने वाली कारपोरेट मेमू ट्रेनें सर्किल रूट पर चलेंगी। उदाहरण के तौर पर कानपुर से प्रयागराज, मानिकपुर, झांसी होते हुए कानपुर सेंट्रल आएगी। इसी तरह कानपुर से झांसी, बांदा, होते हुए कानपुर आएगी। ये ट्रेनें चक्कर तो लगाएंगी पर अप-डाउन में नहीं चलेंगी।