लखनऊ। रामायण कान्क्लेव के उद्घाटन अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि अयोध्या प्राचीन काल से ही संपूर्ण विश्व में विख्यात रही है। राम की जन्मस्थली होने का सौभाग्य भी इस नगर को प्राप्त है। गौरव की बात है कि अवधी साहित्य का लोकप्रिय ग्रंथ रामचरित मानस के लेखन की शुरूआत अयोध्या से ही हुई थी। सांस्कृतिक मानचित्र पर अयोध्या पहला शहर है, जहां विभिन्न पंथ के महापुरूष मौजूद रहे हैं। जैन धर्म के आदिदेव ऋषभदेव की भी जन्मस्थली अयोध्या है। सिख धर्मगुरू तेगबहादुर व गुरू गोविंद सिंह ने भी यहीं से विश्व कल्याण का संदेश दिया था। महात्मा गौतम बुद्ध ने भी यहां कई वर्ष प्रवास किया। अयोध्या की व्यापक स्वीकारोक्ति व समन्वयकारी छवि है। हर प्रकार के धर्म व मतावंलिबयों का आना जाना यहां रहा। उन्होंने कहा कि रामनगरी की लोकप्रियता को पुनःस्थापित करने के लिए प्रदेश एवं केंद्र सरकार प्रयासरत है। दीपोत्सव अंतर्राष्ट्रीय आयोजन बन चुका है। मैं भी इसकी साक्षी रही हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने जब राममंदिर का कार्यारंभ किया था तो मैं वहां थी। राममंदिर के शिलान्यास का साक्षी होना गौरव की बात है। राममंदिर वास्तव में राष्ट्र का मंदिर है, जो युगों तक प्रेरणा देता रहेगा। राज्यपाल ने अयोध्या धाम के विकास के लिए जो काम हो रहे हैं उसके लिए योगी सरकार की सराहना करते हुए कहा कि पयर्टक आएंगे तो राजकीय राजस्व में वृद्धि होगी। अयोध्या धाम के समेकित विकास के लिए विजन डॉक्यूमेंट बनाया गया है। पीएम मोदी की मंशा है कि काशी की तर्ज पर ही अयोध्या का विकास हो। राष्ट्रपति के आगमन से अयोध्या की गरिमा बुलंदी को प्राप्त करेगी।