लखनऊ। प्रदेश सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले 594 किमी. लंबे मेरठ से प्रयागराज तक छह लेन ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना के निर्माण की तैयारी तेज कर दी है। प्रदेश कैबिनेट ने विकासकर्ताओं के चयन के लिए अंतिम तौर पर ग्रुप वार रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन (आरएफ क्यू) व रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफ पी) अभिलेखों को अनुमोदित कर दिया है। यह एक्सप्रेस-वे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर डिजाइन-बिल्ड-फाइनेंस-आपरेट एंड ट्रांसफर (डीबीएफ ओटी) के आधार पर चार ग्रुप में बनेगा। बिडिंग कार्यवाही पूरी होते ही अक्तूबर बाद कभी भी इसका शिलान्यास किया जा सकेगा। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि किसी राज्य सरकार के स्तर पर बनने वाला देश का यह सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा। कैबिनेट ने एक्सप्रेस-वे की लागत के साथ तकनीकी व स्ट्रक्चरल कार्य के साथ बिड डाक्यूमेंट, कंशस्नेयर एग्रीमेंट सहित सभी महत्वपूर्ण प्रस्तावों को एक साथ मंजूरी दी है। परियोजना के लिए बिडिंग प्रक्रिया 60 दिन में पूरी की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह एक्सप्रेस-वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रदेश को 10 खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने पूर्ववर्ती सपा सरकार पर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को लेकर बिना आवश्यक औपचारिता पूरी किए जल्दबाजी में शिलान्यास का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 92.02 प्रतिशत जमीन अधिग्रहीत की जा चुकी है। इसके बाद आरएफक्यू व आरएफपी डाक्युमेंट को मंजूरी दी गई है।