लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने निर्देश दिया कि एसजीपीजीआई फिरोजाबाद में फैली बीमारी के बारे में अलग से रिपोर्ट तैयार करें। बुखार फैलने के कारणों की पड़ताल और उपचार में अपना योगदान दें। वह मंगलवार को राजभवन में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के नैक मूल्यांकन की तैयारियों की समीक्षा कर रहीं थीं। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने संस्थान के निदेशक से कहा कि बच्चों की मृत्यु का संज्ञान लते हुए विशेषज्ञों की टीम गठित करें। यह टीम वहां की पूरी स्थिति का मूल्यांकन करें। ताकि भविष्य में ऐसी समस्या आने पर तत्काल नियंत्रण किया जा सके। नैक मूल्यांकन की तैयारी की समीक्षा करते हुए राज्यपाल ने निर्देश दिया कि सुपर स्पेशियालिटी चिकित्सा संस्थानों की स्थापना मूल्यों के अनुरूप ही उनके नैक मूल्यांकन मानकों के निर्धारण के लिए शिक्षा मंत्रालय को पत्र भेजा जाए। उन्होंने प्रस्तुतिकरण में डाटा बेस की अपूर्णता पर निर्देश दिया कि मूल्यांकन के जिन मानकों पर संस्थान द्वारा नैक प्रस्तुतिकरण की तैयारी की गई है उसे गुणवत्ता संवर्द्धन के साथ शत प्रतिशत पूरा करें। उन्होंने कहा कि संस्थान में प्रति 10 छात्रों के साथ एक शिक्षक को मेन्टर नियुक्त करें। उनसे संतुष्टिपरक जानकारियां लेने के साथ उन्हे नैक मूल्यांकन के महत्व से भी अवगत कराए। उन्होंने नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर (एनएबीएच) से भी मानक प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन करने की बात कही। संस्थान के प्रशासन विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि संस्थान एनआईआरएफ रैंकिंग 2019 में चौथी तथा 2020 में राष्ट्रीय स्तर पर 5वीं रही है। संस्थान के निदेशक प्रो आरके धीमान, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता, विशेष कार्याधिकारी (शिक्षा) डॉ. पंकज जानी आदि मौजूद रहे।