खेलों के शौकीन फिर कर सकेंगे रिवर राफ्टिंग और पैराग्लाइडिंग

हिमाचल प्रदेश। देश-विदेश से कुल्लू-मनाली आने वाले सैलानी और स्थानीय लोग अब ब्यास की जलधारा में राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग सहित अन्य साहसिक गतिविधियों का लुत्फ उठा सकेंगे। बरसात को देखते हुए साहसिक गतिविधियों पर लगाई गई रोक बुधवार को हट जाएगी। दो महीनों के बाद वीरवार से एक बार फिर ब्यास की जलधारा में राफ्टिंग का रोमांच देखने को मिलेगा। इसके साथ रायसन, फलाइन, सोलंगनाला आदि पैराग्लाइडिंग साइटों पर मानव परिंदे भी उड़ान भर सकेंगे। दो महीनों से साहसिक गतिविधियों पर रोक के चलते घाटी में पर्यटन कारोबार भी धीमा पड़ गया था। साहसिक गतिविधियों पर रोक हटते ही अब पर्यटन कारोबार के भी गति पकड़ने की उम्मीद जताई जा रही है। गौर रहे कि देश से कई सैलानी सिर्फ साहसिक गतिविधियों का लुत्फ उठाने के लिए कुल्लू मनाली आते हैं। रिवर राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग, रिवर क्रासिंग, ट्रैकिंग, क्लाइंबिंग आदि साहसिक गतिविधियां कुल्लू में आने वाले पर्यटकों को एक अलग अनुभव करवाती हैं। कुल्लू आने वाले 40 से 50 फीसदी सैलानी रिवर राफ्टिंग करना नहीं भूलते। ब्यास नदी को राफ्टिंग के लिहाज से काफी बेहतर माना जाता है। बबेली, पिरड़ी, शाढ़ाबाई, रायसन, वेष्णो मंदिर रामशिला राफ्टिंग प्वाइंटों पर सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता है। इसके साथ ही फलाइन पैराग्लाइडिंग प्वाइंट से 50 ग्लाइडर एक साथ उड़ान भरते हैं। वहीं साहसिक गतिविधियों पर रोक हटने के बाद एक बार फिर सैकड़ों युवाओं को साहसिक गतिविधियों से घर-द्वार पर ही रोजगार मुहैया होगा। वहीं साहसिक पर्यटन के शुरू होने से पर्यटन को भी गति मिलेगी। जिला पर्यटन अधिकारी राजेश भंडारी ने कहा कि 15 सितंबर के बाद साहसिक गतिविधियों पर रोक हट जाएगी। साहसिक गतिविधियां शुरू होने के बाद पर्यटन को गति मिलेगी। एसडीएम सदर विकास शुक्ला ने कहा कि बरसात को देखते हुए जिला में साहसिक गतिविधियों पर लगाई गई पाबंदियां बुधवार को समाप्त होंगी। उन्होंने साहसिक गतिविधियां करवाने वाले से आग्रह किया है कि वे नियमों के तहत इन गतिविधियों को चलाएं।

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