भारत में लोकतंत्र सिर्फ संवैधानिक ढांचा नहीं, बल्कि है जीवन धारा: पीएम मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिन एक टेलीविजन चैनल संसद टीवी की शुरुआत की। इस दौरान राज्यसभा सांसद वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूउ रहे। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन हमारी संसदीय व्यवस्था में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ रहा है। आज देश को संसद टीवी के रूप में संचार और संवाद का एक ऐसा माध्यम मिल रहा है जो देश के लोकतंत्र और जनप्रतिनिधियों की नई आवाज के रूप में काम करेगा। उन्होंने कहा कि भारत के लिए लोकतन्त्र केवल एक व्यवस्था नहीं है, एक विचार है। भारत में लोकतंत्र, सिर्फ संवैधानिक स्ट्रक्चर ही नहीं है, बल्कि वो एक स्पिरिट है। भारत में लोकतंत्र, सिर्फ संविधाओं की धाराओं का संग्रह ही नहीं है, ये तो हमारी जीवन धारा है। उन्होंने कहा कि मेरा अनुभव है कि कन्टेंट इज़ कनेक्ट। यानी जब आपके पास बेहतर कन्टेंट होगा तो लोग खुद ही आपके साथ जुड़ते जाते हैं। ये बात जितनी मीडिया पर लागू होती है, उतनी ही हमारी संसदीय व्यवस्था पर भी लागू होती है, क्योंकि संसद में सिर्फ पॉलिटिक्स नहीं है, पॉलिसी भी है। पीएम मोदी ने कहा कि तेजी से बदलते समय में मीडिया और टीवी चैनलों की भूमिका भी तेजी से बदल रही है। 21वीं सदी तो विशेष रूप से संचार और संवाद के जरिए क्रांति ला रही है। ऐसे में ये स्वाभाविक हो जाता है कि हमारी संसद से जुड़े चैनल भी इन आधुनिक व्यवस्थाओं के हिसाब से खुद को ट्रान्स्फॉर्म करें। उन्होंने कहा कि हमारी संसद में जब सत्र होता है, अलग अलग विषयों पर बहस होती है, तो युवाओं के लिए कितना कुछ जानने सीखने के लिए होता है। हमारे माननीय सदस्यों को भी जब पता होता है कि देश हमें देख रहा है तो उन्हें भी संसद के भीतर बेहतर आचरण की, बेहतर बहस की प्रेरणा मिलती है। कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने कहा कि हम दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र में से एक हैं। ये घटना प्रतीकात्मक रूप से लोकतांत्रिक सरकार में मीडिया के महत्व को उजागर करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *