नई दिल्ली। वयस्कों का टीकाकरण काफी तेजी से हो रहा है, लेकिन अभी तक बच्चों को कोरोना की वैक्सीन नहीं मिली है। जल्द ही बच्चों के टीकाकरण का इंतजार खत्म होगा। लेकिन उससे पहले सरकार पहले से बीमार बच्चों के लिए एक सूची बना रही है जिसे पूरा होने में फिलहाल दो सप्ताह का वक्त लग सकता है। इसके बाद देश के हर जिले में इस सूची के आधार पर बच्चों का चयन होगा और उन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी। इसकी शुरुआत अक्तूबर माह से होगी। बीते दिन राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समिति के अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा ने बताया कि वयस्कों की तरह बच्चों में परेशानी एकदम अलग होती है। बच्चों में हार्ट अटैक से मौत नहीं होती और उन्हें लिवर की परेशानी भी नहीं होती है। उनमें जीवनशैली से जुड़ीं बीमारियां नहीं होती हैं। हालांकि बच्चों में जन्मजात और असाध्य रोग मिलते हैं। इन्हीं को ध्यान में रखते हुए नई सूची बनाई जा रही है। डॉ. अरोड़ा ने कहा कि वैज्ञानिकों साक्ष्यों के आधार पर यह कार्य किया जा रहा है और अब तक काफी चीजें चर्चा में आ चुकी हैं। उन्होंने कहा कि दो सप्ताह बाद यह सूची सार्वजनिक की जाएगी, लेकिन उससे पहले राज्य सरकारों को भी इसे भेजा जाएगा जिसके बाद हर जिले में इन बच्चों की पहचान करने के साथ ही इन्हें वैक्सीन दिया जाएगा। उधर स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार जायडस कैडिला कंपनी ने चार करोड़ वैक्सीन की पहली खेप अगले 15 दिन के अंदर तैयार करने का आश्वासन दिया है। इस वैक्सीन को हाल ही में आपात इस्तेमाल की अनुमति मिली थी। तीन खुराक वाली इस वैक्सीन को लेकर मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जायडस कैडिला की डीएनए वैक्सीन को बच्चों के लिए ही रखने का विचार किया है। चूंकि वयस्कों का टीकाकरण सही गति से कोविशील्ड और कोवाक्सिन के जरिए आगे बढ़ रहा है। ऐसे में डीएनए वैक्सीन सबसे पहले बच्चों के लिए ही उपलब्ध कराई जाएगी। देश में जहां 18 वर्ष या उससे अधिक आयु की कुल आबादी 94 करोड़ है। वहीं 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की कुल आबादी करीब 12 करोड़ के आसपास है। इनमें से करीब एक से दो फीसदी बच्चों के अलग-अलग बीमारियों से ग्रस्त होने का अनुमान है।