जम्मू-कश्मीर। केंद्रीय मंत्रियों की टीम इन दिनों जम्मू-कश्मीर के दौरे पर है। इसी क्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया श्रीनगर हवाई अड्डा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने हवाई अड्डे पर कोविड-19 परीक्षण व्यवस्था का निरीक्षण किया। इससे पहले केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कॉलेज में बीयूएमएस के पाठयक्रम के पहले बैच की शुरुआत की। कार्यक्रम में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा वर्चुअल मोड के माध्यम से शामिल हुए। सर्बानंद ने कहा कि सरकारी यूनानी मेडिकल कॉलेज गांदरबल में पहले बीयूएमएस (बैचलर इन यूनानी मेडिसिन एंड सर्जरी) पाठयक्रम की शुरुआत के साथ यह कॉलेज जम्मू कश्मीर में स्वदेशी चिकित्सा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करेगा। आयुष मंत्रालय जम्मू कश्मीर के नागरिकों को बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबध है। इस बैच में 23 छात्राएं शामिल हैं। कॉलेज के 60 बिस्तर वाले इस अस्पताल में मेडिसिन, सर्जरी, ईएनटी, ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, डर्मेटोलॉजी और ट्रीटमेंट नॉन मेडिसनल लाइफ स्टाइल हैं। कॉलेज के निर्माण पर 32.50 करोड़ रुपये की लागत आई है। उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पहला यूनानी मेडिकल कॉलेज 1962 में शुरू हुआ था, लेकिन किन्हीं कारणों से 1967 में इसे बंद कर दिया गया। नए कॉलेज के निर्माण में आयुष मंत्रालय ने 17 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है। आयुष चिकित्सा प्रणाली ने कोविड से लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है। यह कॉलेज विशेषतौर पर कश्मीर संभाग में स्वदेशी चिकित्सा प्रणाली को बढ़ावा देगा। स्वदेशी चिकित्सा प्रणाली में आयुर्वेद, सिद्व और यूनानी ने मानव सेवा के मिशन में अहम योगदान दिया है। आज विदेश में इन स्वदेशी प्रणालियों को वैज्ञानिक चिकित्सा प्रणाली के रूप में शामिल किया जा रहा है। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर आयुष स्वास्थ्य व कल्याण केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। प्रदेश के अस्पतालों में आक्सीजन उत्पादन क्षमता 15000 एलपीएम से बढ़ाकर 70 हजार एलपीएम तक कर दी गई है और सितंबर के अंतिम सप्ताह में इसे बढ़ाकर 90 हजार एलपीएम कर दिया जाएगा। समारोह में स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विवेद भारद्वाज, आयुष निदेशक डा. मोहन सिंह आदि मौजूद रहे।