हिमाचल प्रदेश। राजधानी शिमला से सटे कुफरी के बाद अब मौसम विज्ञान केंद्र चंबा के जोत में डॉप्लर रडार लगाएगा। इससे जोत के 150 किलोमीटर के दायरे में मौसम के बदलाव की सटीक जानकारी मिलेगी। मुरारी देवी सुंदरनगर, किन्नौर और लाहौल में भी डॉप्लर रडार लगाने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने कहा कि किसानों और बागवानों को इसका लाभ मिलेगा। रडार 4 घंटे पहले ही मौसम के मिजाज को भांप लेगा। मौसम विज्ञान केंद्र ने जोत में डॉप्लर रडार लगाने की औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। उपकरण भी पहुंचा दिए हैं। अब जल्द निर्माण कार्य शुरू होगा। इसके माध्यम से विशिष्ट क्षेत्र में आंधी-तूफान, बिजली, ओलावृष्टि, बारिश, बर्फबारी और तेज हवाओं के लिए सटीक पूर्वानुमान और चेतावनी जारी की जा सकेगी। यह केंद्र प्रदेश के बागवानों और किसानों को मौसम से संबंधित सटीक जानकारी देने में मदद करेगा। यह सभी दिशाओं में 150 किलोमीटर के मौसम का डाटा अवलोकन और उपलब्ध करवाएगा। इसका उपयोग पूर्वानुमान के उद्देश्य के लिए किया जाएगा। यह रडार पूरी तरह स्वचालित होगा। इसकी कार्यप्रणाली कंप्यूटरीकृत कार्यक्रम आधारित होगी। यह विभिन्न डिजिटल प्रारूप और तस्वीरों के रूप में डाटा संचारित करेगा। निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि डॉप्लर रडार अति सूक्ष्म तरंगों को पकड़ता है। ऐसी तरंगें किसी वस्तु से टकराकर लौटती हैं तो रडार उनकी दिशा आसानी से पहचान लेता है। वायुमंडल में मौजूद पानी की बूंद की स्थिति और दिशा का पता भी इससे लगाया जा सकता है।