हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश के डिपुओं में अच्छी क्वालिटी का चावल न मिलने पर मुख्य सचिव रामसुभग सिंह ने तल्खी दिखाई है। उन्होंने फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के अधिकारियों को राशन डिपुओं में अच्छी क्वालिटी का चावल देने के निर्देश दिए। उन्होंने खाद्य आपूर्ति विभाग को लगातार सैंपल लेने के भी निर्देश दिए हैं। सरकार को शिकायत मिलने के बाद मुख्य सचिव ने मामले में खाद्य आपूर्ति सचिव को भी तलब किया। राशनकार्ड उपभोक्ताओं को डिपुओं में बेहतर गुणवत्ता वाला राशन उपलब्ध कराने की बात कही। 25 सितंबर को केंद्रीय खाद्य आपूर्ति सचिव सुधांशु पांडे हिमाचल आ रहे हैं। पीटरहॉफ में गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत आयोजित कार्यक्रम के बाद उनकी मुख्य सचिव राम सुभग सिंह के साथ बैठक होगी। इसमें इस मामले पर चर्चा होनी है। केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश के राशनकार्ड उपभोक्ताओं को सब्सिडी पर चावल और गेहूं उपलब्ध करवा रही है। प्रदेश सरकार चावल 10 रुपये और गेहूं करीब 6 रुपये प्रति किलो के हिसाब से एफसीआई को राशि उपलब्ध करवा रही है। राशनकार्ड उपभोक्ताओं को आटा उपलब्ध हो, इसके चलते सरकार अपने स्तर पर गेहूं की पिसाई करती है। ऐसे में एपीएल उपभोक्ताओं को यह आटा करीब साढ़े आठ रुपये प्रति किलो मिलता है। हिमाचल प्रदेश के राशनकार्ड उपभोक्ताओं को प्रति कार्ड पर 6 किलो चावल मिलता है। यह चावल 10 रुपये प्रति किलो के हिसाब से दिया जा रहा है। उपभोक्ताओं को डिपुओं में मिलने वाली तीन दालें, चीनी, नमक और दो लीटर तेल प्रदेश सरकार अपने स्तर पर उपलब्ध करवाती है। आटा और चावल केंद्र से मुहैया करा रहा है।