उत्तराखंड। बरसाती मौसम में देहरादून में रायनो और एडिनो वायरस के मरीज भी बढ़ रहे हैं। शहर के विभिन्न अस्पतालों की ओपीडी में इस तरह के मरीज पहुंच रहे हैं। कोरोना से मिलते जुलते लक्षण होने के चलते ऐसे मरीजों की कोविड जांच भी कराई जा रही है। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एवं वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. केसी पंत के अनुसार रायनो और एडिनो वायरस के लक्षण लगभग मिलते जुलते होते हैं। रायनो में बुखार, जुकाम, सर्दी, खांसी और नाक से संबंधित दिक्कत होती है। वहीं एडिनो वायरस गले और फेफड़ों को संक्रमित करता है। अस्पताल में आजकल इस तरह के मरीज पहुंच रहे हैं। राजकीय उप जिला अस्पताल प्रेमनगर के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. मुकेश सुंद्रियाल के मुुताबिक यह वायरस आमतौर पर बदलते मौसम में ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं। कोरोना के कारण इन वायरस के मरीजों की संवेदनशीलता भी बढ़ी है। कोरोना जैसे लक्षण होने के कारण अस्पताल में आने वाले इस तरह मरीजों की कोरोना जांच भी कराई जा रही है। लक्षणों के आधार पर करें पहचान:- अरिहंत अस्पताल के फिजिशियन डॉ. अभिवन नैथानी ने बताया कि सामान्य वायरस संक्रमण की तरह ही इसमें भी उपचार दिया जाता है। जिससे मरीज ठीक हो जाते हैं। हालांकि विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह पर ही उपचार लेना जरूरी है। आजकल इस तरह के मरीजों की कोरोना के साथ ही डेंगू वायरस की भी जांच की जा रही है। रायनो और एडिनो वायरस के बारे में ज्यादा पता लगाने के लिए इन्हें बड़े शहरों में स्थित प्रयोगशालाओं में भेजना पड़ता है। लापरवाही से हो सकता है निमोनिया:- राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के असिस्टेंट प्रोफेसर एवं वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. कुमार जी. कौल ने बताया कि एडिनो और रायनो वायरस संक्रमण के लक्षण लगभग समान हैं। प्राथमिक उपचार में मरीज के स्वस्थ न होने पर दिल्ली-पुणे जैसे बड़े शहरों में स्थित प्रयोगशालाओं में वायरस की जांच की जाती है। ठीक से उपचार न होने पर वायरस फेफड़ों को संक्रमित कर सकते हैं और निमोनिया होने की संभावना बढ़ जाती है। कोरोना के मरीजों को भी खास एहतियात बरतने की जरूरत इसलिए है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से उन्हें यह वायरस ज्यादा प्रभावित कर सकते हैं। डॉ. कौल के मुताबिक आजकल अस्पताल में इन वायरस के लक्षणों वाले मरीज भी ज्यादा पहुंच रहे हैं। ये हैं प्रमुख लक्षण:- फेफड़ों में संक्रमण, सांस फूलने की समस्या, सर्दी-खांसी व हल्का बुखार होना, बदन टूटना, गले में खरास, आंखें लाल होना, कान बंद होना, नाक बहना। इन बातों का रखें ख्याल:- ठंडा पानी न पिएं, फूलों को नजदीक से न सूंघें, फुल आस्तीन के कपड़े पहनें ,और भीगने से बचें, अगर भीग गए हों तो तत्काल दूसरे कपड़े पहन लें, उच्च प्रोटीन युक्त पौष्टिक भोजन लें, बासी और फ्रीज में ज्यादा देर तक रखा भोजन न खाएं, ताजे फलों को डाइट में शामिल करें, शरीर की रोग, वायरस के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाएं।