केरल। केंद्र सरकार ने केरल उच्च न्यायालय में एक अपील दायर की है, जिसमें उच्च न्यायालय की एकल पीठ के एक आदेश को रद्द करने की मांग की गई है। दरअसल केरल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि जो लोग कोविशील्ड टीके की पहली खुराक के बाद दूसरी खुराक जल्दी लेना चाहते हैं, उनके लिए पहली खुराक लेने के चार हफ्ते बाद कोविन पोर्टल पर दूसरी खुराक का समय लेने की इजाजत दी जाए ताकी वे इसे शेड्यूल कर सकें। बता दें कि न्यायमूर्ति पी बी सुरेश कुमार ने सितंबर के पहले सप्ताह में मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि अगर केंद्र और राज्य सरकारें विदेश यात्रा करने वाले लोगों को कोरोना से जल्दी और बेहतर सुरक्षा के बीच चयन करने की अनुमति दे सकती हैं, तो कोई कारण नहीं है कि समान विशेषाधिकार यहां रहने वाले लोगों को नहीं दिया जा सकता। खासकर उन लोगों को जो अपने रोजगार या शिक्षा की वजह से जल्द सुरक्षा चाहते हैं। तीन सितंबर के आदेश में उच्च न्यायालय ने कहा था कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की नीति के अनुसार भी लोगों के पास जल्दी टीकाकरण कराने का विकल्प है, इसके लिए निजी अस्पतालों के माध्यम से भी भुगतान के आधार पर टीका वितरित किया जा रहा है। अदालत ने कहा किकेंद्र को कोविन पोर्टल में तुरंत आवश्यक बदलाव करने का निर्देश दिया जाता है, ताकि लोग शुरुआती प्रोटोकॉल के मुताबिक पहली खुराक के चार हफ्ते के बाद कोविशील्ड टीके की दूसरी खुराक का समय ले सकें। अदालत ने काइटेक्स गारमेंट्स लिमिटेड की याचिका को स्वीकार करते हुए यह निर्देश दिए थे, जिसमें 84 दिनों तक इंतजार किए बिना अपने कर्मचारियों को कोविशील्ड टीके की दूसरी खुराक देने की इजाजत मांगी गई थी। कंपनी ने अपनी याचिका में कहा था कि वह पहले ही अपने 5,000 से अधिक कामगारों को टीके की पहली खुराक लगवा चुकी है। साथ ही उसने लगभग 93 लाख रूपये की लागत से दूसरी खुराक की व्यवस्था भी की है, लेकिन मौजूदा प्रतिबंधों के कारण इसे कामगारों को लगवाने में वह असमर्थ है।