सेना को जल्द मिलेंगे 118 अर्जुन टैंक

नई दिल्ली। मेक इन इंडिया कार्यक्रम को बढ़ावा देने के तहत रक्षा मंत्रालय ने आज हैवी व्हीकल फैक्टरी, अवडी को 118 मुख्य लड़ाकू टैंक अर्जुन एमके 1ए सप्लाई करने का ऑर्डर दिया है। भारतीय सेना को यह टैंक मिलेंगे और इसकी कीमत 7,523 करोड़ रुपये होगी। रक्षा मंत्रालय के मुख्य प्रवक्ता भारत भूषण बाबू ने यह जानकारी दी। मंत्रालय ने अर्जुन एमके-1-ए टैंकों के लिए हैवी व्हीकल फैक्ट्री (एचवीएफ), अवडी, चेन्नई को यह ऑर्डर दिया है। यह एमबीटी एमके-1ए अर्जुन टैंक का नया संस्करण है, जिसमें 72 नई विशेषताएं और एमके-1 संस्करण से अधिक स्वदेशी उपकरण हैं। मंत्रालय ने बयान में कहा कि 7,523 करोड़ रुपये के इस ऑर्डर से रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा। इसी के साथ यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है। मंत्रालय ने कहा कि टैंक दिन और रात के दौरान सटीकता के साथ लक्ष्य को साधने में सक्षम है। यही नहीं, यह टैंक सभी तरह के इलाकों में सहज गतिशीलता सुनिश्चित करेंगे। डीआरडीओ ने अर्जुन टैंक की फायर पावर क्षमता को काफी बढ़ाया है। अर्जुन टैंक में नई टेक्नोलॉजी का ट्रांसमिशन सिस्टम है। इससे अर्जुन टैंक आसानी से अपने लक्ष्य को ढूंढ लेता है। अर्जुन टैंक युद्ध के मैदान में बिछाई गई माइंस हटाकर आसानी से आगे बढ़ने में सक्षम है। अर्जुन टैंक में केमिकल अटैक से बचने के लिए स्पेशल सेंसर लगे हैं। इस टैंक की वजह से जमीन पर लड़ा जाने वाला युद्ध का स्वरूप ही बदल गया। इनका पहली बार बड़े पैमाने पर दूसरे विश्व युद्ध के दौरान उपयोग हुआ। भारत ने भी पाकिस्तान के साथ 1965 में टैंकों का उपयोग किया। उस समय भारत के पास सेंचुरियन टैंक थे और पाकिस्तान के पास पैटन टैंक थे। अर्जुन टैंक का फिन-स्टैब्लाइज्ड डिस्करिंग सबोट सिस्टम लड़ाई के दौरान दुश्मन टैंक की पहचान करता है और उसे नष्ट कर देता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *