नई दिल्ली। सभी परिवहन विकल्पों से सुलभ दिल्ली मेट्रो ने स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों के इस्तेमाल से ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के मामले में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के साथ-साथ कार्बन क्रेडिट से करोड़ों का राजस्व भी अर्जित किया है। उत्सर्जन में कमी के लक्ष्य को हासिल करते हुए छह वर्षों (2012-2018) में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने उत्सर्जन में कटौती कर 35.5 लाख कार्बन क्रेडिट की बिक्री से 19.5 करोड़ रुपये की कमाई की। जलवायु परिवर्तन के लिहाज से तय मानकों के मुताबिक परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में दिल्ली मेट्रो अग्रणी रहा है। इसके लिए मेट्रो ने ऊर्जा बचत पर केंद्रित परियोजनाओं को सिरे चढ़ाया, ताकि कार्बन उत्सर्जन में कमी से पर्यावरण को स्वच्छ रखने सहित कार्बन क्रेडिट भी अर्जित हो सके। 2007 में दिल्ली मेट्रो को क्लीन डेवलपमेंट मेकेनिज्म (सीडीएम) के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने पंजीकृत किया। क्योटो प्रोटोकॉल के तहत ग्रीन हाउस गैस ऑफसेट मेकेनिज्म के तहत उच्च आय देशों में सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों को निम्न या मध्यम आय वाले देशों से इन गैसों के उत्सर्जन को कम करने वाली परियोजनाओं से कार्बन क्रेडिट खरीदने की अनुमति मिलती है। वैश्विक स्तर पर ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए किए जाने वाले प्रयासों का एक हिस्सा है।