महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नांदेड़ के चिवली और फुलवल गांवों का दौरा करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने बारिश और बाढ़ से प्रभावित किसानों को हर जिले में 500 करोड़ रुपये की बीमा सहायता दी थी। जबकि आज स्थिति ऐसी है कि किसानों को ऐसा लग रहा है कि उनके पास कुछ नहीं है। बारिश ने जमीन को बहा दिया और फसलों को नष्ट कर दिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पहले हम प्रति जिले 400-500 करोड़ रुपये का फसल बीमा देते थे। लेकिन अब स्थिति ऐसी है कि किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं बचा है। नुकसान आकलन सर्वेक्षण पूरा नहीं हुआ है, बीमा के माध्यम से कोई मदद नहीं मिल रही है और बिजली कनेक्शन अभी भी नहीं हैं। लातूर में मराठवाड़ा क्षेत्र में भी पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि कुछ विशेषज्ञों द्वारा दावा किया गया है कि पिछली भाजपा नीत सरकार की जलयुक्त शिवर योजना के तहत किए गए कार्य क्षेत्र में बाढ़ के लिए जिम्मेदार थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ये दावे झूठे हैं और उनका एकमात्र इरादा भाजपा के खिलाफ राजनीतिक मुद्दा उठाना है। फडणवीस और महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दारेकर ने लातूर जिले के बारिश और बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि उस समय उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की गई थी। विशेषज्ञों ने तब उच्च न्यायालय को जलयुक्त शिवर योजना के लाभों के बारे में बताया था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भारी बारिश ने मराठवाड़ा में सोयाबीन सहित सभी फसलों को नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार को दशहरा उत्सव से पहले किसानों के बैंक खातों में वित्तीय सहायता जमा करनी चाहिए अन्यथा भाजपा आंदोलन शुरू कर देगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एमवीए सरकार पर फसल बीमा कंपनियों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने बांधों के गेट खोलने के समय की जांच की मांग की। हाल ही में हुई बारिश में मराठवाड़ा क्षेत्र में कई स्थानों पर बांधों के गेट खुलने से खेतों में पानी भर गया था। जिससे अधिकतर फसलें नष्ट हो गई हैं।