नई दिल्ली। आसियान को भारत के वैश्विक आर्थिक जुड़ाव का प्रमुख केंद्र बताते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम दक्षिण पूर्व एशियाई ब्लॉक के साथ साझेदारी के लिए निर्धारित महत्वाकांक्षा के स्तर पर एक बार फिर जाना चाहते हैं। आसियान के साथ भारत के रिश्ते इतिहास, भूगोल व संस्कृति में निहित हैं। भारत-आसियान व्यापार शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्री ने कहा कि बीते वर्षों में हमारे पारस्परिक हितों और विकास की क्षमता के बारे में बढ़ती जागरूकता से आसियान को नई ऊर्जा मिली है। 25 वर्षों में हमारा सहयोग बढ़ने के साथ साझेदारी के नए पहलु उभर के सामने आए। कोरोना का उदाहरण देते हुए एस जयशंकर ने कहा कि इस महामारी ने हमारे सामने एक पृष्ठभूमि पेश की है कि कैसे अधिकांश देश कैसे आर्थिक नीति अपनाते हैं और जीवन जीने के तरीके को आकार देते हैं। संकट के दो वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सहयोग के लिए चार क्षेत्र तेजी से सामने आए हैं। ये हैं लचीली एवं विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला, स्वास्थ्य सुरक्षा, विकास के लिए डिजिटल और हरित एवं स्थायी सुधार।