हरियाणा। प्रदेश में रबी फसलों की बुआई के समय डीएपी खाद की किल्लत न हो इसके लिए सरकार ने अभी से कमर कस ली है। तमाम खाद एजेंसियों से बैठक करके हरियाणा सरकार ने पर्याप्त स्टॉक रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही जिलास्तर पर खाद की मांग और उपलब्धता का आंकड़ा मांगा गया है। खाद एजेंसियों ने प्लाटों से खाद मंगवाना शुरू कर दिया है। एक दिन पहले जगाधरी में डीएपी से भरी मालगाड़ी पहुंच चुकी है, जबकि 2600 मीट्रिक टन से भरी एक मालगाड़ी दो दिन में भिवानी पहुंच जाएगी। इसके आगामी दो से तीन दिन में रेवाड़ी में इतनी ही मात्रा में खाद भेजा जाएगी। यहां से आसपास के जिलों में खाद वितरित की जाएगी और यहां से 750 पैक्स समितियों पर यह खाद भेजा जाना है। प्रदेश भर में तकरीबन 5.50 लाख मीट्रिक टन डीएपी और तकरीबन 22 लाख मीट्रिक टन यूरिया खाद की खपत होती है। इस खपत की आपूर्ति को मुख्य रूप से इफको, कृभको, एनएफएल समेत अन्य एजेंसी पूरा करती है। खाद किल्लत के मामले पर कुछ दिन पहले दक्षिण हरियाणा के विधायक और मंत्री मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिले थे। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि कहीं भी कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। क्योंकि हरियाणा में अक्तूबर के अंतिम में गेहूं और सरसों की बिजाई शुरू हो जाती है। इसमें डीएपी खाद की जरूरत होती है। इसके लिए किसान पहले से ही खाद खरीद कर रख लेते हैं। ऐसे में नवंबर माह में अचानक से खाद की मांग बढ़ जाती है। इस स्थिति को देखते हुए प्रदेश सरकार खाद की आपूर्ति को पूरा करने की कवायद में जुटी हुई है।