केरल। पूरी दुनिया ने 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया। वहीं केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि केरल की कुल आबादी के लगभग 12.8 प्रतिशत लोगों को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, जिनको उपचार की आवश्यकता है। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर आंकड़े देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि लोग उपचार केंद्रों और चिकित्सा सुविधाओं तक नहीं पहुंच पा रहे, क्योंकि वे ऐसी सुविधाओं से अनजान हैं। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में यह आवश्यक है कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य साक्षरता से संबंधित गतिविधियों को तेज किया जाए। स्वास्थ्य विभाग सभी के सहयोग से इस मिशन को सक्रिय रूप से चला रहा है। कोरोना ने लोगों की मानसिक सेहत पर काफी असर डाला है इस पर बात करते हुए कहा कि किसी भी समाज के अस्तित्व और प्रगति के लिए लोगों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य आवश्यक है। विशेष रूप से कोरोना के बाद लोग विभिन्न कारकों के कारण तनाव में हैं, चाहे वह वित्तीय हो या अन्य। मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि शरीर के स्वास्थ्य के साथ-साथ मन का स्वास्थ्य भी बहुत महत्वपूर्ण है। सभी को बीमारियों, दर्द और बीमारियों की पहचान करने और समय पर उपचार की तलाश करने की आवश्यकता है। लेकिन यह एक तथ्य है कि अधिकांश लोग मानसिक निदान करने में सक्षम नहीं हैं। आगे उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य समस्याओं, लक्षणों और स्थितियों और वैज्ञानिक उपचार की तलाश करें। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अधिकांश लोगों को मानसिक स्वास्थ्य की सटीक समझ नहीं है, इसके लिए लोगों को जागरूक करना जरूरी है। इसके अलावा बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन चल रही है। बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए। मानसिक स्वास्थ्य के बारे में समाज में भ्रांतियां हैं, जिन्हें उचित जागरूकता अभियानों के माध्यम से बदलने की जरूरत है, जिसके लिए हम काम कर रहे हैं।