नई दिल्ली। तिहाड़ जेल प्रशासन ने रियल एस्टेट की नामी कंपनी यूनिटेक के पूर्व प्रमोटरों को जेल में गलत तरीके से सहायता पहुंचाने के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। तिहाड़ जेल के एक सुपरीटेंडेंट समेत 30 अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। गलत तरीके से सहायता पहुंचाने वालों में अनुबंध के तहत नौकरी करने वाले दो कर्मचारी भी शामिल हैं। इनमें एक डाटा एंट्री ऑपरेटर और एक नर्सिंग अर्दली है। दोनों की नौकरी खत्म की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस आयुक्त ने यूनिटेक के पूर्व प्रमोटरों को तिहाड़ में गलत तरीके से सहायता पहुंचाने की जांच करने के आदेश दिए थे। दिल्ली पुलिस की जांच में यह बात सामने आई थी कि तिहाड़ जेल के 32 अधिकारियों व कर्मचारियों ने गलत तरीके से सहायता पहुंचाई थी। इसके बाद दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने आरोपी जेल अधिकारियों के खिलाफ मंगलवार को मामला दर्ज कर लिया और कार्रवाई करने के लिए गृहमंत्रालय व तिहाड़ प्रशासन को पत्र लिख दिया। तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल ने बताया कि दिल्ली पुलिस की ओर से जांच के दौरान इस मामले में प्रथम दृष्टया संलिप्त पाए गए 32 जेल अधिकारियों के नाम के साथ पत्र प्राप्त हुआ है। 32 में से 30 नियमित कर्मचारी हैं जबकि दो अनुबंध पर नौकरी करने वाले कर्मचारी हैं। उन्होंने कहा कि 30 जेल अधिकारियों को निलंबित कर दो संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्त करने की कार्रवाई की जा रही है। तिहाड़ जेल के अधिकारियों के अनुसार, आरोपी 30 अधिकारी व कर्मचारियों में एक सुपरीटेंडेंट, दो डिप्टी सुपरीटेंडेंट, सात असिस्टेंट सुपरीटेंडेंट, 10 हेड वार्डर और 11 वार्डर हैं।