बायोलॉजिकल ई कंपनी दिसंबर तक केंद्र सरकार को कॉर्बेवैक्स की 30 करोड़ खुराक की करेगी आपूर्ति

नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ चल रही भारत की जंग को अंतिम रूप देने की तैयारी शुरू हो गई है। हैदराबाद की दवा कंपनी बायोलॉजिकल ई ने स्वदेशी वैक्सीन कॉर्बेवैक्स के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से अनुमति मांगी है। यह वैक्सीन बूस्टर डोज के रूप में उन्हें लागई जाएगी, जो कोवाक्सिन या कोविशील्ड की दोनों डोज ले चुके हैं। देश में विकसित इस आरबीडी प्रोटीन आधारित कॉर्बेवैक्स के दूसरे-तीसरे चरण के ट्रायल में टीके की खुराक 18 साल से 80 साल के लोगों को दी जा रही है, संभव है कि इसी महीने इसके नतीजे भी सामने आ जाएं। हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल ई ने इस वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर विकसित किया है। कंपनी का कहना है कि कई अध्ययनों में सामने आया है कि पूरी तरह से टीकाकरण करा चुके लोगों में एंटीबॉडी घट रही है। ऐसे में कंपनी की ओर से कोविशील्ड या कोवाक्सिन ले चुके लोगों पर ट्रायल किया जाएगा। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की अगली बैठक में इस आवेदन पर विचार किए जाने की संभावना है। इससे पहले डीसीजीआई ने सितंबर में बायोलॉजिकल ई को कुछ शर्तों के साथ पांच साल से 18 साल के बच्चों में टीके के दूसरे-तीसरे चरण के परीक्षण की अनुमति दी थी। बायोलॉजिकल ई दिसंबर तक केंद्र सरकार को कॉर्बेवैक्स की 30 करोड़ खुराक की आपूर्ति करेगी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया था कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 टीके की 30 करोड़ खुराक आरक्षित करने के लिए हैदराबाद की वैक्सीन निर्माता कंपनी से संपर्क किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *