नइ र्दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जलवायु परिवर्तन पर ब्रिटेन के ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सीओपी-26 सम्मेलन में शामिल हो सकते हैं। यह सम्मेलन 31 अक्टूबर से 11 नवंबर तक आयोजित होगा। हालांकि अभी कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। प्रधानमंत्री मोदी के अलावा पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव भी इस दौरान विभिन्न सत्रों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया के उन गिने-चुने देशों में है जो कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए सतत प्रक्रिया के तहत काम कर रहा है। इतना ही नहीं, अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों को हाल में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी सराहा। पीएम मोदी से टेलीफोन वार्ता के दौरान उन्होंने भारत को अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में दुनिया का अगुवा बताया। पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक सीओपी -26 में इस बार बैठक में ग्लोबल वार्मिंग के स्तर और जलवायु शमन और अनुकूलन वित्त से 1.5 डिग्री तक सीमित करने के लिए रोडमैप, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए विकसित देशों द्वारा विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन को कम करने के प्रभावी उपायों को लागू करने, कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए 100 करोड़ रुपये हर साल देने के वादे की प्रतिबद्धता जैसे विषय सम्मेलन के एजेंडे में हैं। आईपीसीसी की रिपोर्ट ने साफ कर दिया है कि दुनिया में बढ़ते औद्योगीकरण के कारण ग्लोबल वार्मिंग के असर को 1.5 डिग्री नीचे रखने का मौका अब दुनिया ने लगभग खो दिया है। 2040 तक ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ने के आसार हैं।