मुंबई। ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स (एनएसडब्ल्यू) प्रांत में विदेश छात्रों को फिर से बुलाने के लिए एक पायलट योजना तैयार की गई है, जिसके तहत कोविड टीके की दोनों खुराक ले चुके अंतरराष्ट्रीय छात्रों की चरणबद्ध तरीके से वापसी की जाएगी। छात्रों को लेकर पहली फ्लाइट इस वर्ष के अंत तक आएगी। एनएसडब्ल्यू के उपप्रमुख और उद्योग व व्यापार मंत्री जॉन बैरिलारो ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से छात्रों की वापसी की जा रही है, क्योंकि एनएसडब्ल्यू के साथ ही दुनियाभर में तेजी से टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एनएसडब्ल्यू में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की बदौलत हजारों लोगों को रोजगार मिलता है। वहीं राज्य कोषाध्यक्ष डोमिनिक पेरोटे ने कहा कि एनएसडब्ल्यू के लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है। लिहाजा सभी आगंतुक छात्रों को टीजीए-मान्यता प्राप्त कोविड-19 वैक्सीन के प्रमाणन की जरूरत होगी, इसके साथ ही सख्त क्वारंटीन प्रोटोकॉल लागू होंगे। पेरोटे ने बताया कि महामारी से पहले एनएसडब्ल्यू की अर्थव्यवस्था कारीब 14.6 अरब डॉलर की थी, अब इसे उसी स्तर पर पहुंचाना है। अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा एनएसडब्ल्यू को दुनिया से जोड़ने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने कहा है कि भारतीय नागरिकों और भारत के प्रवासी नागरिकों (ओसीआई) को पाकिस्तान में इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों में प्रवेश से पहले अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना होगा। एआईसीटीई की तरफ से जारी नोटिस में कहा गया है कि एनओसी के आवेदन के लिए छात्र एआईसीटीई की वेबसाइट से प्रोफार्मा प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही परिषद ने छात्रों से पाठ्यक्रम, डिग्री व विदेशी विवि की वैधता जांचने के लिए भी कहा है।