नई दिल्ली। देश की कम-से-कम 30 फीसदी आबादी यानी 40 करोड़ व्यक्तियों के पास स्वास्थ्य बीमा के रूप में कोई वित्तीय सुरक्षा नहीं है। नीति आयोग ने हेल्थ इंश्योरेंस फॉर इंडियाज मिसिंग मिडल नामक रिपोर्ट में कहा कि स्वास्थ्य बीमा दायरे का विस्तार सार्वभौमिक स्वास्थ्य दायरा (यूएचसी) पाने के भारत के प्रयास में एक आवश्यक कदम है। लेकिन सस्ते स्वास्थ्य बीमा उत्पादों के अभाव में सस्ता प्रीमियम चुकाने की क्षमता के बावजूद इन 40 करोड़ भारतीयों के पास स्वास्थ्य बीमा नहीं है। रिपोर्ट में इन्हें ‘मिसिंग मिडल’ कहा गया है। यह एक व्यापक श्रेणी है, जिसके पास स्वास्थ्य बीमा नहीं है। ये वंचित गरीब वर्गों और अपेक्षाकृत संपन्न संगठित क्षेत्र के बीच वाले लोग हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) सितंबर 2018 में शुरू की गई थी।