तारों के दीदार के लिए लद्दाख में बनेगा विहार…

नई दिल्‍ली। देश के उत्तरी कोने में स्थित लद्दाख के हान्ले को ‘डार्क स्काय सेंक्चुअरी’ घोषित किया जा रहा है। यहां घनघोर काली रात के आकाश को निहारने की गतिविधियां आयोजित हो सकेंगी। इस काम में मद्रास स्थित भारतीय तारा-भौतिकी संस्थान (आईआईए) मदद करेगा। यह घोषणा लद्दाख के योजना, विकास और निगरानी विभाग के प्रमुख सचिव पवन कोतवाल ने उच्चस्तरीय बैठक में की। हान्ले में ही आईआईए की भारतीय खगोल वेधशाला भी बनी है। यह प्रकाश व इंफ्रारेड खगोल भौतिकी की विश्व की सबसे ऊंची वेधशाला है। मानवीय गतिविधियां, आबादी व प्रदूषण न के बराबर होने और विशेष भौगोलिक स्थिति के कारण यहां से आकाश को बेहद साफ दिखता है। रात में अंतरिक्ष में स्थिति संरचनाएं निहारने और खगोल अध्ययन के लिए इसे धरती की सबसे आदर्श जगहों में से एक माना जाता है। एजेंसी हान्ले नदी घाटी स्थित यह जगह एक प्राचीन लद्दाख-तिब्बत व्यापार मार्ग भी है। यहां 17वीं शताब्दी का मठ बना है जो तिब्बति बौद्ध शाखा द्रुक्पा काग्यू से संबंधित है। बैठक में मौजूदा कर्नल पंकज सिन्हा ने डार्क स्काय सैंक्चुअरी के प्रस्ताव को लागू करने के लिए सेना द्वारा पूरा सहयोग देने की वादा किया।

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