हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग में आठ हजार मल्टी टास्क वर्करों की भर्ती के लिए बीते दिनों जारी किए गए नियमों में बदलाव होने जा रहा है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि सरकारी स्कूलों के निर्माण के लिए भूमि देने वाले लोगों को इस भर्ती में पूर्व निर्धारित पांच अंकों से अधिक देने की योजना है। मामला मुख्यमंत्री के विचाराधीन है। इसके अलावा स्कूल से घर की दूरी मापने के लिए पंचायत सचिवों की ओर से इंकार करने के बाद खड़ी हुई मुश्किल को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग का राजस्व विभाग के साथ पत्राचार जारी है। इस मामले को कैबिनेट बैठक में ले जाने की संभावना भी है। मल्टी टास्क वर्करों के चार हजार पद मुख्यमंत्री की अनुशंसा और शेष चार हजार पद आवेदन आधार पर भरे जाने हैं। बता दें पार्ट टाइम मल्टी टास्क वर्कर पॉलिसी 2020 के प्रावधानों के अनुसार उच्च और प्रारंभिक शिक्षा विभागों के तहत शैक्षणिक संस्थानों में बहुउद्देशीय कार्यकर्ताओं के 8000 पद भरने का निर्णय लिया गया है। पहले जारी नियमों के अनुसार वर्कर के घर से स्कूल की दूरी के आधार पर 10 नंबर होंगे। इसमें डेढ़ किलोमीटर के दायरे वाले आवेदक को 10 नंबर रखे गए है, दो किलोमीटर दायरे पर आठ, तीन किलोमीटर पर छह, चार किलोमीटर पर चार और पांच किलोमीटर की दूरी पर दो नंबर मिलेंगे। लेकिन दूरी मापने के लिए पंचायत सचिवों की ओर से इंकार करने के बाद मुश्किल खड़ी हो गई है। पांचवीं कक्षा पास को पांच नंबर, आठवीं पास को आठ नंबर मिलेंगे। विधवा या पति से अलग रहने वाली महिला को तीन नंबर मिलेंगे। स्कूल को भूमि देने वाले परिवार के सदस्य को तीन नंबर दिए जाएंगे। एससी, एसटी, ओबीसी, बीपीएल कोटे के आवेदक को तीन नंबर मिलेंगे। बेरोजगार परिवार के सदस्य को भी तीन नंबर मिलेंगे। जिस गांव या पंचायत के स्कूल में भर्ती की जानी है, वहां के स्थानीय निवासी को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ लगते गांव में अगर कोई स्कूल नहीं है तो वहां का निवासी भी आवेदन कर सकेगा। एसडीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी चयन करेगी। मुख्यमंत्री की अनुशंसा वाले आवेदनों की सत्यता को भी एसडीएम की कमेटी जांचेगी। पार्ट टाइम मल्टी टास्क वर्करों का काम स्कूल को खोलना और बंद करना, परिसर और कक्षाओं में सफाई करना, पीने के पानी का इंतजाम करना और स्कूल की डाक को अन्य विभागों में पहुंचाना होगा।