आदमखोर तेंदुए के लिए वन विभाग को मानवाधिकार आयोग ने ठहराया जिम्मेदार

हिमाचल प्रदेश। हिमाचल प्रदेश मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश पीएस राणा और सदस्य डॉ. अजय भंडारी की खंडपीठ ने पाया है कि तेंदुआ आदमखोर हो चुका है, इसलिए यह जनसाधारण के जीवन के लिए खतरा बन चुका है। इसके लिए आयोग ने वन विभाग को जिम्मेदार ठहराया है और जनसाधारण को इस तेंदुए के आतंक से बचाने के निर्देश दिए हैं। वन्य जीव और रिहायशी क्षेत्र में एक माह के भीतर सारी झाड़ियां काटने के आदेश जारी किए हैं। इन क्षेत्रों में एक माह के भीतर सुरक्षित बफर जोन स्थापित करने के भी आदेश जारी किए हैं। राजधानी शिमला के कनलोग क्षेत्र से पांच साल की बच्ची को तेंदुए द्वारा उठाए जाने के मामले में स्वत: संज्ञान लेने के बाद राज्य मानवाधिकार आयोग ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। आयोग ने वन विभाग को निर्देश दिए हैं कि तेंदुए को तुरंत जिंदा पकड़ा जाए। उसे उसके पूरे जीवन तक पिंजरे में रखा जाए। अगर तेंदुआ पकड़ा नहीं जा सकता है तो उस स्थिति में उसे तुरंत मारा जाए। आयोग ने वन्य जीव और आवासीय मानव कॉलोनी क्षेत्र में एक माह के भीतर तारों की फेंसिग करने के आदेश जारी किए हैं। शिमला वन क्षेत्र में रहने वाले तेंदुओं की लोकेशन के बाद एक माह के भीतर टैग लगाने के आदेश जारी किए हैं। आयोग ने वन विभाग को अपने आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए अनुपालना रिपोर्ट एक माह के भीतर दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं।

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