झांसी से काशी का रिश्ता जोड़कर बुंदेलखंड की सियासत में नया रंग भरेंगे पीएम मोदी

झांसी। वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर झांसी आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी से झांसी का रिश्ता जोड़कर बुंदेलखंड में भाजपा की सियासी जमीन को और मजबूत बनाने का प्रयास करेंगे। आधी आबादी के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं भी मोदी कर सकते हैं। स्वतंत्रता के 75वें वर्ष पर मनाए जा रहे अमृत महोत्सव पर पीएम आजादी की प्रथम दीपशिखा रानी लक्ष्मीबाई को लेकर भी कोई बड़ा एलान कर सकते हैं। चुनावी दृष्टिकोण से देश के सबसे महत्वपूर्ण सूबे उत्तर प्रदेश की सत्ता की चाबी फिर से भाजपा को दिलाने का बीड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उठा लिया है। पूर्वांचल के बाद अब प्रधानमंत्री का फोकस बुंदेलखंड पर है। शुक्रवार को झांसी से काशी का रिश्ता जोड़कर वो बुंदेलखंड को साधेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जब-जब झांसी का दौरा हुआ, उन्होंने रानी की कर्मभूमि और बुंदेलखंड से खुद के बेहद लगाव होने की बात की। मगर इस बार उनका दौरा खास इसलिए है, क्योंकि आजादी के 75 साल पूरे होने पर अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। रानी लक्ष्मीबाई ने ही सबसे पहले स्वतंत्रता आंदोलन का बिगुल फूंका था। 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध का ऐलान करते हुए अपने पराक्रम का परचम लहराया था और फिरंगियों के दांत खट्टे कर दिए थे। इस हिसाब से रानी की जयंती पर प्रधानमंत्री का दौरा बेहद खास है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि प्रधानमंत्री रानी से जुड़ी किसी बड़ी योजना की सौगात दे सकते हैं। साथ ही उनका संसदीय क्षेत्र काशी रानी का जन्म स्थान रहा है, ऐसे में वह लक्ष्मीबाई की कर्मभूमि झांसी के साथ रिश्ता जोड़कर बुंदेलखंड को साध सकते हैं। साथ ही विपक्षी पार्टियों पर हमला करके भाजपा और उनकी सरकारों में कानून व्यवस्था के अंतर की लकीर खींचेंगे। बुंदेलखंड पेयजल योजना, डिफेंस कॉरिडोर, किसानों सम्मान निधि, उज्वला योजना, सिंचाई परियोजनाओं, सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक सहित स्वास्थ्य, ऊर्जा, रोजगार आदि क्षेत्रों में किए गए पार्टी के काम गिनाकर भाजपा के पक्ष में माहौल बनाएंगे। 

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