कार्तिक मास की पूर्णिमा पर जानिए महत्व और शुभ मुहूर्त

नई दिल्‍ली। प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को जब चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं में आ जाता है तो वह तिथि पूर्णिमा कहलाती है। धार्मिक और ज्योतिष दोनों ही दृष्टि से पूर्णिमा महत्व माना जाता है। इस बार कार्तिक मास की पूर्णिमा 19 नवंबर 2021 दिन शुक्रवार को पड़ रही है। कार्तिक मास की पूर्णिमा का विशिष्ट महत्व माना गया है, क्योंकि इस दिन काशी में देव दिवाली भी मनाई जाती है। पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा के साथ भगवान विष्णु के पूजन किया जाता है। इसके साथ ही पूर्णिमा तिथि पर स्नान न दान करने का विशेष महत्व माना गया है। तो चलिए जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त, महत्व व पूजन विधि। कार्तिक मास की पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर राक्षस का अंत किया था। इसी खुशी में देवताओं ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थी। यह परंपरा आज भी देव दीपावली के रूप में जानी जाती है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन श्री हरि विष्णु का पूजन करने से सौभाग्य प्राप्त होता है। कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली भी होती है इसलिए इस दिन शाम को किसी नदी, सरोवर या धर्म स्थान पर दीपदान अवश्य करना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा पर ब्रह्ममुहुर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए या घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें। व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु के समक्ष शुद्ध देसी घी का दीपक प्रज्वलित करना चाहिए। अब तिलक करके धूप-दीप, फल, फूल वह नैवेद्य से विधिवत् पूजन करें। शाम को पुनः भगवान विष्णु का पूजन करें, उन्हें देसी घी में भूनकर बनाया गया आटे का सूखा कसार और पंचामृत चढ़ाएं। विष्णु जी के साथ मां लक्ष्मी का भी पूजन व आरती करें। चंद्रमा निकलने के बाद अर्घ्य दें और फिर व्रत का पारण करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *